उत्तराखंड सरकार ने राज्य में हेलिकॉप्टर सेवाओं के संचालन को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से एक ठोस कदम उठाया है। इसी के तहत राज्य शासन द्वारा हेलिकॉप्टर संचालन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने हेतु दस सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति की अध्यक्षता गृह सचिव शैलेष बगोली करेंगे।
समिति को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह राज्य में संचालित हो रही हेलिकॉप्टर सेवाओं की मौजूदा व्यवस्था का गहन विश्लेषण करे और इससे जुड़े सभी पहलुओं—जैसे सुरक्षा मानक, उड़ान की अनुमति प्रक्रिया, आपात स्थिति में प्रतिक्रिया, पर्यटन और तीर्थ यात्राओं में उपयोग, और एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट—पर समग्र रूप से विचार करते हुए 15 अगस्त 2025 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और संवेदनशील भू-भाग में हेलिकॉप्टर सेवाएं बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, विशेष रूप से चारधाम यात्रा, आपदा प्रबंधन, चिकित्सा आपातकाल और दुर्गम क्षेत्रों में आपूर्ति पहुंचाने में। हाल के वर्षों में हेलिकॉप्टर सेवाओं में वृद्धि हुई है, लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा और समन्वय को लेकर कई चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए एसओपी बनाना जरूरी समझा गया है।
इस समिति में नागरिक उड्डयन विभाग, पुलिस विभाग, पर्यटन विभाग, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के प्रतिनिधि और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे। समिति सभी संबंधित पक्षों से विमर्श कर, एक संतुलित, व्यावहारिक और प्रभावशाली एसओपी तैयार करेगी, जो भविष्य में हेलिकॉप्टर सेवाओं को पारदर्शी, सुरक्षित और उत्तरदायी बनाएगा।
गृह सचिव शैलेष बगोली ने बताया कि यह पहल न केवल पर्यटकों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि आपात स्थिति में प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को भी मजबूत बनाएगी। एसओपी से यह तय होगा कि किस परिस्थिति में किस प्रकार की प्रक्रिया अपनाई जाए, जिससे भ्रम, देरी या किसी तरह की लापरवाही से बचा जा सके।
सरकार की इस पहल को प्रशासनिक हलकों में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। यह न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा बल्कि उत्तराखंड में पर्यटन, तीर्थाटन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी गुणवत्ता में सुधार लाएगा।