1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. राज्यसभा में हंगामे को लेकर सभापति की बड़ी कार्रवाई, टीएमसी के छह सांसदों को किया दिनभर के लिए निलंबित

राज्यसभा में हंगामे को लेकर सभापति की बड़ी कार्रवाई, टीएमसी के छह सांसदों को किया दिनभर के लिए निलंबित

राज्यसभा में हंगामे को लेकर सभापति एम वैंकेया नायडू ने टीएमसी के छह सांसदों को सदन की कार्यवाही से दिन भर के लिए निलंबित कर दिया है। निलंबित होने वाले सांसदों पर आरोप है कि वो तख्तियां लेकर सदन के वेल में पहुंच गए थे। सुबह जब सभापति ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस स्वीकार करने और अन्य नोटिस खारिज किए जाने के बारे में सूचना दी तो तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ कर पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।

By: Amit ranjan 
Updated:
राज्यसभा में हंगामे को लेकर सभापति की बड़ी कार्रवाई, टीएमसी के छह सांसदों को किया दिनभर के लिए निलंबित

नई दिल्ली : राज्यसभा में हंगामे को लेकर सभापति एम वैंकेया नायडू ने टीएमसी के छह सांसदों को सदन की कार्यवाही से दिन भर के लिए निलंबित कर दिया है। निलंबित होने वाले सांसदों पर आरोप है कि वो तख्तियां लेकर सदन के वेल में पहुंच गए थे। सुबह जब सभापति ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस स्वीकार करने और अन्य नोटिस खारिज किए जाने के बारे में सूचना दी तो तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ कर पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।

सभापति ने इन सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो सदस्य आसन के समक्ष आ गए हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं, उनके नाम नियम 255 के तहत प्रकाशित किए जाएंगे और उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। इतने पर भी हंगामा नहीं थमा तब सभापति ने आसन की अवज्ञा कर हंगामा कर रहे सदस्यों से नियम 255 के तहत सदन से बाहर जाने को कहा।

आपको बता दें कि इन निलंबित सांसदों में डोला सेन, नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर प्रमुख है। बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े विपक्षी सदस्यों ने आज संसद में जोरदार हंमागा किया। बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की कल हुई बैठक में कुछ विधेयकों पर चर्चा और उन्हें पारित करने के लिए समय तय किए जाने के बारे में सदन को सूचित किया।

उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी के रामगोपाल वर्मा और विश्वंभर प्रसाद निषाद तथा माकपा के डॉक्टर वी शिवदासन की ओर से नियम 267 के तहत किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं। उन्होंने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस पर अन्य नियम के तहत चर्चा की अनुमति दी जाती है।

सभापति ने कहा कि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, वाम सदस्यों विनय विश्वम तथा इलामारम करीम की ओर से भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है।

नायडू के इतना कहते ही कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति, महंगाई और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा के लिए सरकार तैयार है।

हंगामा थमते न देख सभापति ने कहा कि जो सदस्य आसन के समक्ष आ गए हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं उनके नाम नियम 255 के तहत प्रकाशित किए जाएंगे और उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। इतने पर भी हंगामा नहीं थमा तब सभापति ने आसन के समक्ष तख्तियां ले कर हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन से नियम 255 के तहत बाहर चले जाने को कहा। उन्होंने राज्यसभा सचिवालय से इन सदस्यों के नाम देने को भी कहा।

नायडू ने पुन: सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील की। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सभापति नायडू ने कहा कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने संसदीय कार्य राज्य मंत्री को विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज पटल पर रखने की अनुमति दी थी।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...