बिहार : अक्सर अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाला बिहार पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वो अपने लेटलतिफी कार्यप्रणाली या बेलगाम बढ़ते अपराधिक घटनाओं से नहीं बल्कि ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के दौरान हुई फजीहत से है। ताजा मामला सूबे के मुंगेर जिले का है, जहां गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान बिहार पुलिस के जवानों की राइफल से गोलियां नहीं चलीं। काफी मशक्कत के बाद अगर गोलियां भी चली तो 10 जवानों में से सिर्फ चार जवानों के राइफलों से। जिसके बाद किसी तरह गार्ड ऑफ ऑनर देने का ‘कोटा’ पूरा किया गया।
दरअसल, हजरत मौलाना शैयद वली रहमानी का तीन मार्च को पटना के एक निजी नर्सिंग होम में निधन हो गया था। जिसके बाद सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किए जाने की घोषणा की थी। इसे लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ था। इधर, शनिवार की देर रात उनका पार्थिव शरीर मुंगेर खानकाह रहमानी पहुंचा, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिससे कोरोना काल के दौरान सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं।
गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान हुई जमकर फजीहत
आखिरी नमाज से पहले मुंगेर डीएम, डीआईजी और एसपी ने उनके जनाजे पर तिरंगा ओढ़ाया और जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर देने का आदेश दिया। आदेश के बाद जैसे ही पुलिस जवानों ने फायरिंग करनी चाही उनकी राइफल फंस गई। ये देख कर सभी हैरान रह गए। इधर, जवानों ने दोबारा अपनी राइफल लोड की, लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। सभी जुगाड़ लगाने के बाद भी 10 में से मात्र 4 राइफलों से ही फायरिंग सकीं। इस मामले को लेकर आरजेडी नेता मुकेश यादव ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला किया है।
आरजेडी नेता मुकेश यादव ने कहा बिहार की राजनीतिक एकदम निचले स्तर पर गिर चुकी है। नीतीश सरकार में पुलिस अपनी राइफल की सही से देखरेख नहीं कर रही है, जिस कारण आज रहमानी जी को दफनाने के दौरान यह घटना हुई। ये उनका अपमान है। पुलिस दिनरात शराब पकड़ने में लगी हुई है। सरकार पुलिस को हथियार मुहैया नहीं करा रही है। ऐसे में पुलिस अपराध पर लगाम कैसे लगाएगी? पुलिस से कई ज्यादा सही हथियार अपराधियों के पास हैं।