नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच देश में डिजिटली ट्रांजेक्शन का चलन लगातार बढ़ रहा है। हालांकि कई बार लोग इसके धोखाधड़ी के भी शिकार हो जाते है। और आपका पूरा बैंक अकाउंट खाली हो जाता है। जिसमें साइबर अपराधी की भूमिका बहुत अधिक होती है, जिसे पकड़ने में कई बार हमारे साइबर सेल भी नाकाम साबित होते है। इसे लेकर आपको कुछ एहतियात बरतने की जरुरत है।
सबसे पहले तो अनजान नंबर से आने वाली फोन पर अपना कोई भी व्यक्तिगत डिटेल देने से आपको बचना चाहिए। अनजान नंबर से आई कॉल पर हाल में ही दिल्ली के एक बुजुर्ग ने बैंक खाते की डिटेल और ओटीपी शेयर कर दिया। इसके बाद उनके अकाउंट से एक झटके में 12 लाख रुपये किसी धोखेबाज ने ट्रांसफर कर लिए। बुजुर्ग को बाद में बैंक से आए ईमेल के जरिए इस धोखाधड़ी का पता चला। बुजुर्ग की शिकायत के बाद अब बैंक धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ ठगी का केस दर्ज हुआ है। पुलिस अब फोन नंबर और कैश ट्रांसफर होने की पड़ताल कर ठगों तक पहुंचने में जुटी है। वास्तव में अगर अनजान नंबर से आपके पास भी कोई फोन कॉल आता है तो आपको उसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने से बचना चाहिए।
क्या है मामला?
आईपी एक्सटेंशन में रहने वाले गोपाल कृष्ण अय्यर प्राइवेट कंपनी से रिटायर हुए हैं। पिछले हफ्ते शाम उनके पास एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को बैंक का बड़ा अधिकारी बताते हुए अकाउंट से जुड़ी सीक्रेट जानकारी हासिल कर ली। बुजुर्ग के मोबाइल पर फंड ट्रांसफर करने के लिए जो ओटीपी आया उन्होंने उसे भी साझा कर दिया। ओटीपी बताते ही बुजुर्ग के अकाउंट से 12 लाख रुपये ठगों ने अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।
बैंक से नहीं बनी बात
अय्यर ने बताया कि सिर्फ आधे घंटे में उनके खाते से ₹12 लाख रुपये की यह रकम किसी और खाते में ट्रांसफर हो गई। बैंक अफसरों से संपर्क करने पर उनसे उस बैंक खाते को फ्रीज करने की गुजारिश की गई जिसमें वह रकम ट्रांसफर हुई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अय्यर ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से भी की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने कई जगह लिखित शिकायत दे दी इसके बाद उनके पास के थाने में ठगी का केस दर्ज किया गया, जिसकी जांच जिले की साइबर सेल की टीम कर रही है।
साइबर फ्रॉड के लिए करा सकते हैं इंश्योरेंस
अगर आप चाहें तो साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस भी करा सकते हैं। बजाज एलियांज और HDFC अर्गो जैसी कंपनियां ऐसे इंश्योरेंस मुहैया कराती हैं। इसमें अगर आपके खाते में कोई साइबर फ्रॉड होता है तो आपको आपके पैसे वापस मिल जाएंगे। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के चलते साइबर फ्रॉड से बचने के इंश्योरेंस का स्कोप भी काफी बढ़ गया है।
रिजर्व बैंक ने ग्राहक सुरक्षा, अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेन-देन में ग्राहकों की सीमित देनदारी (कस्टमर प्रोटेक्शन लिमिटिंग लाइबिलिटी ऑफ कस्टमर्स इन अनऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग ट्रांजैक्शन) पर नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।