रिर्पोट: अनुष्का सिंह
दिल्ली: एक बार फिरसे टाटा बन गया हैं एयर इंडिया का ऑफिशियली मालिक। जी हाँ, एयर इंडिया अब अपने घर ऑफिशियली वापस लौट आई है। इससे पहले भारत सरकार इस एयरलाइंस कि मालिक हुआ करती थी। लेकिन अब टाटा ग्रुप एयर इंडिया का नया मालिक है।
दरअसल टाटा समूह ने सन् 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी। जिसके बाद सन् 1947 मे देश कि आज़ादी के दौरान भारत सरकार को एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और इसीलिए भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी की हिस्सेदारी ले ली थी। फिर कुछ साल बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया जिसके ज़रिये टाटा समूह से इस कंपनी में बहुमत मे हिस्सेदारी खरीद ली थी। लेकिन भारत सरकार इस एयरलाइंस को संभाल पाने मे पूरी तरह से असफल रही। जिसके चलते एयर इंडिया पर लगभग 37,000 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया। जिसके बाद भारत सरकार ने इसे निजी हाथो मे सौंपने का फैसला लिया।
सरकार ने घाटे मे पड़ी एयर इंडिया को बेचने के लिए वर्ष 2018 में एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया। इसके बाद सरकार ने कंपनी की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का ऐलन किया और जनवरी 2020 में विनिवेश प्रक्रिया शुरू की। लेकिन उसी वक्त देश मे कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हो गया था जिसके चलते यह प्रक्रिया करीब 1 साल तक के लिये रुक गई थी। इस साल अप्रैल में सरकार ने इंनट्रसटिड कंपनियों से एयर इंडिया को खरीदने के लिए वित्तीय बोली लगाने को कहा। इसके लिए 15 सितंबर अंतिम तारीख तय की गई थी। जिसके बाद टाटा संस सबसे बड़े बोलीदाता के रूप में उभरा है और कंपनी ने एयरलाइन की नीलामी के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई। और एयर इंडिया 1 अक्टूबर 2021 को यह नीलामी जीत गया। और आज एयर इंडिया का ऑफिशियल मालिक बन गया।
डील के तहत एयर इंडिया का मुंबई में स्थित हेड ऑफिस और दिल्ली का एयरलाइंस हाउस भी शामिल है। मुंबई के ऑफिस का बाजार मूल्य 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। मौजूदा समय में एयर इंडिया 4400 घरेलू उड़ानें और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है।
तो वहीं आपको बता दे कि एयर इंडिया कि टाटा ग्रुप मे वापसी पर कई लोगो ने टाटा ग्रुपस को बधाई दी थी। जिसमे पत्रकार अनिल सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि-
ध्यान दें कि यह #टाटा समूह था जिसने 88 साल पहले एयर इंडिया की स्थापना की थी और फिर आजादी के बाद भारत सरकार को नियंत्रण देने के लिए मजबूर किया गया था।
यह 88 वर्षों के अंतराल के बाद भी #AirIndia के लिए सही ‘घर वापसी’ है। तो वहीं पोरिंजू वेलियाथो ने लिखा था कि- 68 साल बाद एयर इंडिया के लिए जीवन पूर्ण चक्र में आया! अपने वास्तविक स्वामियों के पास वापस। यह भारतीय आर्थिक इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है – और राष्ट्रीयकरण के काले युग का अंत।