दिल्ली में सर्दियों का मौसम आने के साथ ही हवा की गुणवत्ता में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रात 11 बजे 300 को पार पहुंच गया। इसकी वजह पंजाब और हरियाणा में खेतों में लगने वाली आग को माना जा रहा है। वायु प्रदूषण पर जारी EWS के गिरावट के अनुसार शांत हवाओं को जिम्मेदार ठहराया गया।
दिल्ली की हवा में कितना है जहर?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने रविवार को दिल्ली का AQI 277 बताया। AQI मान जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही अधिक होगा और स्वास्थ्य संबंधी चिंता उतनी ही अधिक होगी। 50 या उससे कम का AQI मान अच्छी वायु गुणवत्ता को दर्शाता है, जबकि 300 से अधिक का AQI मान खतरनाक वायु गुणवत्ता को दर्शाता है। ये लगातार पांचवें दिन खराब वायु गुणवत्ता का संकेत है। EWS का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण कम होने की अभी कोई संभावना नहीं है। ऐसे में अगर पराली जलाने जैसी घटनाएं हुईं तो, हवा और भी ज्यादा खराब हो सकती है।
दिल्ली के कई इलाकों में हवा खराव
दिल्ली के कई इलाके ऐसे हैं जहां पर हवा की कैटेगरी काफी खराब रही है। इसमें आनंद विहार 375, वजीरपुर 355, जहांगीरपुरी 359, मुंडका 328 और रोहिणी में AQI 325 का नाम शामिल है। जहां पर हवा काफी खराब कैटेगरी में रही।
जानिए कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI अच्छा माना जाता है। 51 से 100 AQI होने पर संतोषजनक माना जाता है। 101 से 200 के बीच मध्यम माना जाता है। किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है। AQI 301 से 400 के बीच हो तो बहुत खराब और 401 से 500 के बीच AQI होने पर गंभीर श्रेणी में माना जाता है। वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
this post is written by shreyasi