उज्जैन: नागदा का रहने वाला जवान सियाचिन में शहीद हो गया। वह 27 हजार फीट के ऊंचे ग्लेशियर पर तैनात था। बुधवार सुबह अचानक बर्फ धंसने से वह बर्फ में दब गया। वह 15 कुमाऊं में रेजीमेंट नायक था। शनिवार या रविवार तक जवान की पार्थिव शरीर नागदा लाया जाएगा। यहां के रामसहाय मार्ग निवासी बादल सिंह चंदेल वर्ष 18 जून 2004 में आर्मी में भर्ती हुए थे। बता दें कि उनकी पहली पोस्टिंग रानीखेत में हुई थी।
दक्षिण अफ्रीका में भी तैनात रहे…
बादल सिंह ने ढाई साल तक शांति सेना में शामिल होकर दक्षिण अफ्रीका में भी अपनी सेवा दी थी। 17 साल तक अलग-अलग जगह पोस्टेड रहा। बादल सिंह हाल ही जनवरी में छुट्टीयों पर अपने घर नागदा आया था। 13 फरवरी को कर्मभुमि पर तैनाती के लिए लौटा था। इसके बाद उन्हें सियाचिन में 27 हजार फीट के ऊंचे ग्लेशियर पर तैनात किया गया था।
काका वीरेंद्रसिंह के पास आया कॉल…
बुधवार रात करीब सवा 10 बजे उनके काका वीरेंद्रसिंह के पास कॉल आया। फोन पर सूबेदार प्रतापसिंह ने बताया, सुबह अचानक बर्फ धंसने से बादल सिंह घायल हो गए। उन्हें सियाचिन चौकी से नीचे लाया गया। यहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
महू रेजीमेंट शहीद के शव को लेकर पहुंचेगी नागदा…
अब उनका शव दिल्ली लाया जाएगा। यहां से इंदौर फिर महू रेजीमेंट शहीद के शव को लेकर नागदा पहुंचेगी। शनिवार या रविवार तक जवान का पार्थिव शरीर नागदा लाया जाएगा।
तीन साल पहले हुई थी शादी
जानकारी के अनुसार बादल सिंह का विवाह 2017 में हुआ था। उसका एक साढ़े तीन साल का बेटा है। वह अपने पीछे माता-पिता और पत्नी समेत बेटा विवान को छोड़ गया है। जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर को उनका कार्यकाल पूरा चुका था, लेकिन सेना द्वारा उन्हें एक्सटेंशन पर प्रमोट किया गया था। इसके बाद उनकी ड्यूटी सियाचिन में 27 हजार फिट ऊँचे ग्लेशीयर पर लगाई गई थी।