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2030 तक सेमीकंडक्टर सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी 35% तक पहुंचेगी: रिपोर्ट

भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक यह भागीदारी 25% तक पहुंच जाएगी, जबकि 2030 तक 35% तक बढ़ने का अनुमान है।

By: Rekha 
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2030 तक सेमीकंडक्टर सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी 35% तक पहुंचेगी: रिपोर्ट

भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक यह भागीदारी 25% तक पहुंच जाएगी, जबकि 2030 तक 35% तक बढ़ने का अनुमान है।

लीडिंग ग्लोबल टेक्नोलॉजी और डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट बताती है कि वर्तमान में भारत के 2.2 लाख चिप डिजाइन और इंजीनियरिंग वर्कफोर्स में एक चौथाई महिलाएं शामिल हैं। यह संख्या 2027 तक 30% से अधिक होने की उम्मीद है।

भारत का सेमीकंडक्टर सेक्टर 79.20 बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा

भारत का तेजी से बढ़ता सेमीकंडक्टर सेक्टर वित्त वर्ष 2031 तक 79.20 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं, ग्लोबल इंडस्ट्री दशक के अंत तक एक ट्रिलियन डॉलर का बाजार बनने की ओर अग्रसर है।

सेमीकंडक्टर सेक्टर में महिला भागीदारी को बढ़ाने के लिए जेंडर गैप को दूर करने की जरूरत है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

अपस्किलिंग प्रोग्राम
वेतन समानता
मातृत्व अवकाश और करियर ब्रेक सपोर्ट
फ्लेक्सिबल वर्क ऑप्शन और प्रोजेक्ट-बेस्ड रोल

2026 तक 1 मिलियन नई नौकरियां, महिलाओं की भागीदारी होगी अहम

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय सेमीकंडक्टर सेक्टर द्वारा 2026 तक 1 मिलियन नौकरियां उत्पन्न करने का अनुमान है। हालांकि, इस पैमाने पर विकास हासिल करने के लिए एक समावेशी वर्कफोर्स की जरूरत होगी।

रिपोर्ट यह भी बताती है कि महिलाओं की भागीदारी सेमीकंडक्टर सेक्टर के विकास और नवाचार को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

महिला भागीदारी बढ़ाने के लिए मानसिकता और इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव जरूरी
एनएलबी सर्विसेज के सीईओ सचिन अलुग के अनुसार, सेमीकंडक्टर सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मानसिकता और इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि जेंडर-न्यूट्रल नीतियों और समान अवसरों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, श्रमिक आवास, स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं और कुशल परिवहन में सुधार करना भी कुशल वर्कफोर्स को आकर्षित करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग सेमीकंडक्टर सेक्टर को सुरक्षित, सस्टेनेबल और वर्कर-फ्रेंडली बनाने में मदद करेगा।

सेमीकंडक्टर निर्माण में पुरुष और महिला भागीदारी

रिपोर्ट के अनुसार, सेमीकंडक्टर सेक्टर के विभिन्न क्षेत्रों में महिला और पुरुष भागीदारी इस प्रकार है:

चिप सेमीकंडक्टर निर्माण: पुरुष-महिला अनुपात 60:40
चिप डिजाइन: पुरुष-महिला अनुपात 70:30
एटीएमपी (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग): पुरुष-महिला अनुपात 80:20
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में एक सस्टेनेबल और डायवर्स सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए इस अंतर को पाटना जरूरी है।

यदि सही नीतियों और उपायों को अपनाया जाए, तो भारत में जेंडर गैप को कम किया जा सकता है और सेमीकंडक्टर सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सकता है।

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