रिर्पोट – अतुल विश्वकर्मा
पहले चरण के चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, चुनाव को लेकर सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है। अब तक डेढ़ दर्जन अधिकारियों को हटाए जाने की शिकायत चुनाव आयोग से की जा चुकी है। इसमें मंडलायुक्त और पुलिस आयुक्त से लेकर तहसीलदार स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं।
आयोग को शिकायत मिली है कि कई ऐसे अधिकारी हैं जो तीन साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। इन अधिकारियों में कमिश्नर से लेकर तहसीलदार स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। मसलन वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल 16 मार्च 2018 से वाराणसी में तैनात हैं। यानी उन्हें वाराणसी में तैनाती को तीन साल 10 माह से अधिक हो गए हैं। इसी तरह मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह पहले रामपुर में जिलाधिकारी थे और अब उसी मंडल के मंडलायुक्त हैं जिसमें रामपुर जिला भी आता है। आंजनेय रामपुर में 15 फरवरी 2019 से 2 मार्च 2021 तक जिलाधिकारी थे। पदोन्नति होने के बाद उन्हें उसी मंडल का मंडलायुक्त बनाया गया है।
इसके अलावा जिन अधिकारियों को लेकर शिकायत आयोग से की गई है उसमें देवरिया जिले के एसपी श्रीपति मिश्रा, देवरिया में ही तैनात उप जिलाधिकारी सौरभ सिंह, प्रतापगढ़ में मुख्य चिकित्साधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव का नाम भी शिकायतों में शामिल है। इसके अलावा विभिन्न राजनैतिक दल अलग अलग जिलों के अधिकारियेां की शिकायत आयोग से कर चुके हैं। इसमें अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश और अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के साथ-साथ नोएडा के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह का नाम भी शामिल है। सूत्रों का कहना है कि आयोग को जो शिकायतें मिली हैं उनकी समीक्षा की जा रही है और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
लक्ष्मी सिंह के हटाए जाने की भी चर्चा
इस बीच लखनऊ रेंज की पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह को हटाए जाने की अटकलें शुरु हो गई हैं। दर असल लक्ष्मी सिंह के पति राजेश्वर सिंह लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बनाए गए हैं। इस लिए लक्ष्मी सिंह को यहां से हटाए जाने को लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इसके लिए गृह विभाग भी सक्रिय हो गया है।