हाल ही में सरकार के द्वारा लाए गए नए कृषि कानून के ऊपर जमकर राजनीति हो रही है। आपको बता दे कि इस मुद्दे पर आज विपक्ष ने जमकर निशाना साधा है और कल के दिन को काला दिन करार दिया है।
वही कल उपसभापति के साथ जो दुर्व्यवहार किया गया उसके बाद सदन से आज 8 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया है जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह भी शामिल है।
इसी बीच आज एक बार फिर देश के पीएम मोदी जी ने अपने संबोधन में विपक्ष को निशाने पर लिया और किसान को गुमराह करने का आरोप लगाया है। दरअसल इस मामले में पुरे देश भर में किसान और सरकार के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है।
नए कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को आजादी दे दी है कि वो किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल, अपने फल-सब्जियां बेच सकता है।
अब उसे अगर मंडी में ज्यादा लाभ मिलेगा, तो वहां अपनी फसल बेचेगा।
मंडी के अलावा कहीं और से ज्यादा लाभ मिल रहा होगा, तो वहां बेचने पर भी मनाही नहीं होगी: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 21, 2020
आज पीएम मोदी ने कहा कि नए कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को आजादी दे दी है कि वो किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल, अपने फल-सब्जियां बेच सकता है। अब उसे अगर मंडी में ज्यादा लाभ मिलेगा, तो वहां अपनी फसल बेचेगा। मंडी के अलावा कहीं और से ज्यादा लाभ मिल रहा होगा, तो वहां बेचने पर भी मनाही नहीं होगी।
कृषि मंडियों के कार्यालयों को ठीक करने के लिए, वहां का कंप्यूटराइजेशन कराने के लिए, पिछले 5-6 साल से देश में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है।
इसलिए जो ये कहता है कि नए कृषि सुधारों के बाद कृषि मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो वो किसानों से सरासर झूठ बोल रहा है: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 21, 2020
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि कृषि मंडियों के कार्यालयों को ठीक करने के लिए, वहां का कंप्यूटराइजेशन कराने के लिए, पिछले 5-6 साल से देश में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। इसलिए जो ये कहता है कि नए कृषि सुधारों के बाद कृषि मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो वो किसानों से सरासर झूठ बोल रहा है।
मैं यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं।
कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा।
बल्कि ये हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है: PM
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उन्होंने कहा कि मैं यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं। कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा। बल्कि ये हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है।