रिपोर्ट:पायल जोशी
उतराखंड के कुमाऊ में हालिं में ही आई आपदा ने पूरे प्रदेश में कोहराम मचा रखा था। बता दें कि कुमाऊं में आई इस आपदा में 389 लोगों के घर टूट गएं हैं, नौबत यह है कि घर टूटने के बाद यह लोग अब दूसरों की मदद पर निर्भर हैं। वहीं सरकार और सामाजिक संस्थाओं की ओर से इनके रहने की अस्थायी इंतजाम किए गए हैं।
18-19 अक्टूबर को कुमाऊं में आई आपदा में हजारों लोगों को कभी न भूल पाने वाला जख्म दे दिया है। रातभर हुई बारिश से घर मलबे में दब गएं हैं। नदी के किनारे बने घर जल समाधि ले चुके थे। कुमाऊं में हर तरफ चीख-पुकार मची थी। लोगों को बचाने के लिए पुलिस और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डोगरा रेजिमेंट के जवानों ने ताकत लगा दी।
डीआइजी से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार कुमाऊं में आपदा से 389 लोगों के घर टूटने के अलावा काफी नुकसान भी हुआ है। सारे घर मलबे में समा गए, और इसके चलते आपदा के बाद 10 लोग अभी तक लापता हैं। डीआइजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि आपदा से बचाव कार्य अब भी जारी है, जिसके चलते पर्वतीय मार्गो को यातायात के लिए खुलवाया जा रहा है, और आपदा में बेघर हुए लोगों की मदद भी की जा रही है।