प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘उत्कर्ष ओडिशा, मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव’ का भव्य उद्घाटन किया। भुवनेश्वर में आयोजित इस व्यापार शिखर सम्मेलन में देश-विदेश से करीब 7,500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वी भारत को देश का विकास इंजन बनाने की पूरी क्षमता है। उन्होंने मूल्य संवर्धन पर जोर देते हुए कच्चे माल के निर्यात और तैयार उत्पादों के आयात को अस्वीकार्य बताया।
प्रधानमंत्री ने ओडिशा को नए भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यहां की अपार संभावनाएं देश की आकांक्षाओं को साकार कर रही हैं। आसियान देशों ने ओडिशा के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत करने में रुचि दिखाई है।
ओडिशा: विकास और अवसरों की भूमि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘उत्कर्ष ओडिशा, मेक-इन-ओडिशा कॉन्क्लेव’ के उद्घाटन के दौरान पूर्वी भारत के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “जब ग्लोबल ग्रोथ में भारत की बड़ी हिस्सेदारी थी, तब पूर्वी भारत इसका प्रमुख केंद्र था। ओडिशा नए भारत के आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है। यह राज्य अवसरों की भूमि है और यहां के लोग बेहतर प्रदर्शन करने का जुनून रखते हैं।”
ग्रीन फ्यूचर की ओर बढ़ता भारत
पीएम मोदी ने कहा, “भारत सोलर, विंड, हाइड्रो और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे ग्रीन फ्यूचर टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह न केवल ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में सहायक होगा।”
ओडिशा में पर्यटन और टूरिज्म की अपार संभावनाएं
प्रधानमंत्री ने राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा, “ओडिशा का नेचर और सांस्कृतिक विरासत ‘वेड इन इंडिया’ और ‘हील इन इंडिया’ को नई ऊंचाई पर ले जाने में सहायक है। कॉन्सर्ट इकोनॉमी जैसे नए क्षेत्र टूरिज्म और रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं।”
भारत के विकास की प्रेरणा: करोड़ों लोगों की आकांक्षाएं
प्रधानमंत्री ने भारत के विकास पथ की चर्चा करते हुए कहा, “आज भारत करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से प्रेरित होकर आगे बढ़ रहा है। एआई यानी एस्पिरेशंस ऑफ इंडिया हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
ओडिशा सरकार के इस वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन का उद्देश्य राज्य को पूर्वोदय विजन के केंद्र और प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।