रिपोर्ट: सत्यम दुबे
चमोली: देव भूमि उत्तराखंड में सात फरवरी को नंदादेवी ग्लेशियर के टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई। रविवार सुबह ग्लेशियर टूटने से चमोली जिले में बड़ा हादसा हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही ITBP और NDRF की टीमें मौके पर पहुंच गई। ITBP और NDRF की टीमों ने लोगो को जिंदा मिकाला जिसके बाद मौत से जंग जीतकर जैसे ही लोग टनल से बाहर निकले उनके आंखों से आंसू छलक आए। मौत को बिल्कुल करीब से देखकर वो लोग बाहर आये थे, लोगो ने “जय हो बद्री विशाल” के नारे लगाए।
ग्लेशियर फटने से आई तबाही में 36 शव मिले हैं, इसके अलावा 16 मानव अंगो को भी पुलिस बरामद की है। जिसमें से 10 शवों की शिनाख्त की जा चुकी है। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है, इनका शवों का डीएनए सुरक्षित रखकर गुरुवार को 7 शवों और 7 मानव अंगों का धार्मिक रीति रिवाज से दाह संस्कार किया।
आपको बता दें कि तपोवन सुरंग के अंदर फंसे लगभग 30 श्रमिकों को बचाने के लिए अभी भी जद्दोजहद जारी है। गुरुवार को अलकनंदा नदी के किनारे से दो अन्य लापता लोगों के शव बरामद किए गए। जिसके बाद जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदोरिया ने इस बात की पुष्टि की कि लापता हुए 206 लोगों में से 36 के शव बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि शेष 168 लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान जारी है।