पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर गुरुवार को संसद परिसर स्थित लाइब्रेरी भवन में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सरकार ने ऑपरेशन की जानकारी साझा की और बताया कि अब तक करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया है, हालांकि अंतिम आंकड़े की पुष्टि की प्रक्रिया जारी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में स्पष्ट किया कि “ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, यह जारी है।” उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान कोई दुस्साहस करता है तो भारत भी पीछे नहीं हटेगा।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, सुप्रिया सुले, संजय राउत, प्रफुल्ल पटेल, संजय सिंह, संबित पात्रा सहित कई दलों के नेता शामिल हुए। राहुल गांधी ने कहा, “हमने सरकार को अपना पूर्ण समर्थन दिया है। देश की सुरक्षा के मामले में हम सभी एकजुट हैं।” खरगे ने भी कहा कि कुछ गोपनीय बातें हैं जिन्हें साझा नहीं किया जा सकता, लेकिन सभी दल सरकार और सेना के साथ हैं।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने न सिर्फ सेना और सरकार की कार्रवाई की सराहना की, बल्कि यह भी सुझाव दिया कि भारत को TRF (The Resistance Front) के खिलाफ वैश्विक अभियान चलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि TRF को अमेरिका से आतंकवादी संगठन घोषित कराने और FATF में पाकिस्तान को दोबारा ग्रे लिस्ट कराने की कोशिश करनी चाहिए।
इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से
बैठक में विपक्ष की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी उठी, ताकि इस विषय पर व्यापक चर्चा की जा सके। हालांकि सरकार ने इस पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की।
AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि “यह समय राजनीतिक मतभेद नहीं, बल्कि देश के साथ एकजुटता दिखाने का है। भारतीय सेना ने जो साहसिक कदम उठाया है, उससे पूरा देश गर्वित है।”
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल दुश्मनों को कड़ा संदेश दिया है, बल्कि देश के भीतर राजनीतिक एकता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को भी मजबूती दी है। सरकार और विपक्ष की एकजुटता इस बात का संकेत है कि भारत की सुरक्षा सर्वोपरि है।