इस साल की शुरुआत में दिल्ली में हुए दंगों के मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को हिरासत बढ़ा दी गई है। आपको बता दे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ साल के अंत में प्रदर्शन होना शुरु हो गए थे।
नए साल की शुरुआत में शाहीन बाग़ में धरने पर बैठे लोगों को उकसाने का नाम उमर खालिद ने किया था। उनके ऊपर आरोप लगाए गए है कि जब अमेरिकी प्रेजिडेंट भारत की यात्रा पर आए थे तो सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए लोगों की भावनाओं को भड़काया गया।
इस बिल के विरोध में दिल्ली में दंगे हुए और चार्ज शीट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली में हुए दंगों के बाद पुरे देश में दंगे करवाने की साजिश की थी। 13 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को अरेस्ट किया था।
खालिद के खिलाफ राजद्रोह, हत्या, हत्या का प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच द्वेष पैदा करने और दंगा भड़काने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आपको बताते चले कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़कने के बाद सांप्रदायिक झड़पें शुरू हो गई थीं। इस दौरान कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे।
हालांकि उमर खालिद के समर्थन में आ रहे लोगों का कहना है कि बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयानों के बाद दो समुदायों के बीच में हिंसा ने जन्म लिया लेकिन पुलिस की चार्ज शीट में इस बात का जिक्र नहीं है।
इसके अलावा माकपा नेता सीताराम येचुरी का नाम भी पुलिस के आरोप पत्र में है। योगेंद्र यादव का नाम भी इन दंगे करवाने वालो की लिस्ट में है जिसको लेकर उन्होंने हैरानी जताई है।
फिलहाल उमर खालिद की हिरासत बढ़ा दी गई है और माना जा रहा है कि आने वाले समय में पुलिस को इस बारे में और जानकारी मिल सकती है।