ग्वालियर: दशहरा पर्व के अवसर पर देशभर में हर्षोल्लास के साथ विजयादशमी का पर्व मनाया जा रहा है, और ग्वालियर में सिंधिया परिवार का दशहरा समारोह विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहा। सिंधिया राजवंश की यह शाही परंपरा दशकों से चली आ रही है, जहां परिवार रियासतकालीन शाही पोशाक में शस्त्र पूजन और पूजा अर्चना करता है।
सिंधिया और आर्यमन ने किया शस्त्र पूजन
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे युवराज महान आर्यमन सिंधिया के साथ ग्वालियर के गोरखी स्थित देवघर पहुंचे। यहां उन्होंने राजसी वेशभूषा धारण कर रियासतकालीन शस्त्रों और निशान का पूजन किया। पूजा अर्चना के बाद उन्होंने महाआरती की और सिंधिया रियासत के सरदारों के साथ राज दरबार लगाया। इस दरबार में रियासत के सरदारों ने सिंधिया और उनके बेटे का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया।
शाही परंपरा का निर्वाह
सिंधिया परिवार दशहरे के मौके पर शाही पोशाक और राजसी परंपराओं के साथ शस्त्र पूजन करता है। यह परंपरा सिंधिया राजवंश के समय से चली आ रही है, जिसमें रियासतकालीन शस्त्रों का पूजन और महा आरती शामिल होती है।
सिंधिया का संदेश
पूजन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश और प्रदेशवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “यह असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। हम सभी को इस दिन से प्रेरणा लेकर अपने क्षेत्र, प्रदेश और देश के विकास में योगदान देना चाहिए। ताकि भारत विश्व पटल पर अपनी प्रगति का झंडा बुलंद कर सके।”