रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को केंद्र सरकार की कैबिनेट कमेटी ने आज मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने यह मंजूरी दी है। किसानों की चिंता को देखते हुए एक महीने पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य मंजूरी दे दी गई है।
लोकसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से जुड़े मुद्दों पर बोलेंगे। किसानों से जुड़े बिलों का किसान विरोध कर रहे हैं। उन्हें आशंका है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो सकता है।इस आशंका को दूर करने के लिए सरकार ने एक महीने पहले ही इसकी मंजूरी दे दी है।
किसान भाई, विपक्ष द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार से रहें सावधान।
कृषि विधेयक ने किया है तरक्की का प्रावधान।
किसानों को #MSP मूल्य मिलता रहा है, मिलता रहेगा, देश में मंडी व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी।#MSPhaiAurRahega #JaiKisan pic.twitter.com/r7jCEfl2C8
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) September 22, 2020
मनीष तिवारी ने कहा कि किसान आज आंदोलन कर रहे हैं। उनकी आशंका है कि इन विधेयकों के पारित होने के बाद क्या सरकारी एजेंसियां पहले की तरह खरीद करती रहेंगी? कांग्रेस नेता ने कहा कि किसान परेशान हैं।
ऐसे में सरकार की तरफ से आश्वासन दिया जाए कि सरकारी एजेंसियां खासकर एफसीआई किसानों से उनके उत्पादों को पहले की तरह से खरीदती रहेंगी।यह भी आश्वासन दिया जाए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद जारी रहेगी।
किसानों ने कहा कि अब उन्हें अपनी फसल बेचने की पूर्णतः आजादी मिल गई है और वह अपनी फसल को कहीं पर भी अपनी इच्छा अनुसार बेच सकता है
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— PIB in Chandigarh (@PIBChandigarh) September 22, 2020
लोकसभा में कांग्रेस के सदस्य मनीष तिवारी ने सोमवार को कहा कि संसद में पारित हुए कृषि संबंधी दो विधेयकों के कारण देश के किसानों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर आशंकाएं उत्पन्न हो गई हैं।
गेहूँ का समर्थन मूल्य 50 रूपए बढ़ाकर 1975 रूपए,
जौ का 75 रू बढ़ाकर 1600 रू,
चने का 225 रू बढ़ाकर 5100 रू,
मसूर का 300 रू बढ़ाकर 5100 रू,
सरसों का 225 रू बढ़ाकर 4650 रू,
कुसुम का 112 रू बढ़ाकर 5327 रू/ क्विण्टल कर दिया गया है| pic.twitter.com/XQbgCjbYgU
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) September 21, 2020
जिन्हें सरकार को दूर करना चाहिए।निचले सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए तिवारी ने कहा कि अक्तूबर के आखिरी हफ्ते में धान की खरीद शुरू हो जाती है और किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण होती है।लेकिन संसद में पारित हुए कृषि संबंधी दो विधेयकों और लोकसभा में पारित आवश्यक वस्तु से संबंधित विधेयक के कारण किसानों में एमएसपी पर खरीद को लेकर आशंकाएं उत्पन्न हो गई हैं।
किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिले इसके लिए लागत मूल्य का डेढ़ गुना और कुछ फसलों में तो दोगुना दाम MSP के अंतर्गत किसानों को देने का फ़ैसला आज लिया गया है। मैं तहेदिल प्रधानमंत्रीजी के फ़ैसले एवं कृषिमंत्री श्री @nstomar की घोषणा का स्वागत करता हूँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 21, 2020
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी के सरकार के फैसले का ऐलान किया।तोमर ने कहा कि किसानों को लागत मूल्य पर 106 प्रतिशत तक लाभ मिलेगा। जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद आगे भी जारी रहेगी।
चना —
समर्थन मूल्य – 5100 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि – 4.6 प्रतिशत यानी 225 रुपये प्रति क्विंटल
मुनाफा – 78 प्रतिशत
जौ–
समर्थन मूल्य – 1600 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 4.9 प्रतिशत यानी 75 रुपये प्रति क्विंटल
मुनाफा – 65 प्रतिशत
मोदी सरकार का किसानों के हित में एक और महत्वपूर्ण निर्णय।
रबी विपणन वर्ष 2021-22 के लिए एमएसपी में की गयी भारी वृद्धि।
न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और अपनी पसंद की मंडी चुनने की आजादी, किसानों के लिए ये ऐतिहासिक क्षण हैं।#MSPhaiAurRahega #JaiKisan pic.twitter.com/0ODijvIeXt
— BJP (@BJP4India) September 21, 2020
मसूर–
समर्थन मूल्य – 5100 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 6.3 प्रतिशत यानी 300 रुपये प्रति क्विंटल
मुनाफा – 78 प्रतिशत
सरसों एवं रेपसीड–
समर्थन मूल्य – 4650 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 5.1 प्रतिशत यानी 225 रुपये प्रति क्विंटल
मुनाफा – 93 प्रतिशत
कल देश की संसद ने किसानों को नए अधिकार देने वाले कानूनों को पारित किया।
देश में उपज बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे।
इसकी आड़ में ऐसे गिरोह पैदा हुए, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे।
इसलिए, इस व्यवस्था में बदलाव करना जरूरी था। pic.twitter.com/G1eaoqKxc2
— BJP (@BJP4India) September 21, 2020
कुसुम्भ–
समर्थन मूल्य – 5327 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 2.1 प्रतिशत यानी 112 रुपये प्रति क्विंटल
मुनाफा – 50 प्रतिशत
गेहूं–
समर्थन मूल्य – 1975 रुपये प्रति क्विंटल
वृद्धि दर – 2.6 प्रतिशत यानी 50 रुपये प्रति क्विंटल
मुनाफा – 106 प्रतिशत
धान–
समर्थन मूल्य – 1868 रुपये प्रति क्विंटल