रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: एक अप्रैल से ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत होगी। इसके साथ ही सरकार नये श्रम कानूनों को लागू कर देगी। नये कानून के तहत कंपनियों को अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) में कुछ बदलाव करना होगा।
श्रम कानूनों में जो बदलाव किया गया है उसके अनुसार कंपनियों को कर्मचारियों की बेसिक सैलरी उनके सीटीसी की तुलना में 50 फीसदी करनी होगी। दरअसल नए कानूनों के तहत कर्मचारी के भत्ते कुल वेतन के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते। इसका असर ये होगा कि कर्मचारी को मिलने वाली ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी होगी। साथ ही बोनस, पेंशन और पीएफ योगदान, एचआरए, ओवरटाइम आदि को वेतन से बाहर रखना होगा। इन्हीं बदलावों के कारण एक अप्रैल से कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
आपको बतादें कि इस नये श्रम कानूनों के अनुसार यदि कर्मचारी निर्धारित समय से 15 मिनट ज्यादा काम करते हैं तो वह ओवरटाइम के पात्र माने जाएंगे। अभी जो नियम है उसके अनुसार कोई कर्मचारी निर्धारित समय से आधा घंटा अधिक काम करता है, तो वह ओवरटाइम का पात्र माना जाता है। जिसको इस नये कानून में 15 मिनट कर दिया गया है।
इस नये कानून के अनुसार कर्मचारियों को हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे काम करने की सुविधा मिल सकती है। प्रस्ताव के तहत अगर कोई कर्मचारी चार दिनों में ही 48 घंटे काम कर लेता है तो उसे हफ्ते में तीन छुट्टियां दी जा सकती हैं। हालांकि इसके लिए कर्मचारी को अपने काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने होंगे। वर्तमान नियम को देखें तो काम के घंटे 8 हैं, और इस तरह हफ्ते में 6 दिन काम करना पड़ता है।