हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि पर्व के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां दुर्गा की आराधना करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस बार मां दुर्गा पालकी में सवार होकर आएंगी। मां दुर्गा मुर्गे पर सवार होकर लौटेंगी। हालांकि इसका असर देश की स्थितियों पर आंशिक प्रतिकूल हो सकता है।
पालकी पर मां दुर्गा की सवारी होने का यह होगा देश-दुनिया पर असर ज्योतिष और धर्म के जानकार लोग बताते हैं कि मां दुर्गा की सवारी जब डोली या पालकी पर आती है तो यह अच्छा संकेत नहीं है।
मां दुर्गा का पालकी पर आना सभी के लिए चिंता बढ़ाने वाला माना जा रहा है। अर्थ व्यवस्था गिरने से लोगों का काम धंधा मंदा पड़ने की आशंका है। साथ ही देश-दुनिया में महामारी फैलने का डर है। लोगों को कोई बड़ी अप्राकृति घटना का सामना करना पड़ सकती है। सेहत में भारी गिरावट आ सकती है। दूसरे देशों से हिंसी की खबरें आ सकती हैं।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मां दुर्गा को प्रणाम करें।
पूजा से पहले गणेश जी का ध्यान करें।लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करें।मां दुर्गा को लाल रंग के फूल, रोली, चावल से तिलक करें।मां दुर्गा को लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं।दुर्गा सप्तशती या चंडी पाठ करें।\
मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।मां दुर्गा को खीर, बताशे, मखाने, और लौंग का भोग लगाएं।घर में अखंड ज्योति जलाएं।घर में धूप-दीप दिखाएं।
नवरात्रि के नौ दिनों तक गाय को रोटी खिलाएं। नवरात्रि के नौ दिनों में से किसी भी दिन मां दुर्गा को गुलाब के फूल चढ़ाएं।
मां दुर्गा के बीज मंत्र ऊं ह्रीं दुं दुर्गायै नम: का 108 बार जाप करें।भगवान शिव पर दही अर्पित करें।
This post written by shreyasi