पूर्वी लद्दाख में चीन की चुनौती के बीच भारत के सैनिक भी सीमा पर मुस्तैद हैं. हमारी ओर सैनिकों के साथ-साथ जंग के लिए जरूरी सारे सामान जुटाए जा रहे हैं। कुल मिलाकर देश ने चीन की दादागिरी के खिलाफ कड़ा रूख अपना रखा है।
इधर बार-बार इस बात की चर्चा भी हो रही है कि भारत का सैन्य बजट काफी शानदार है. बता दें कि सैन्य बजट के मामले में दुनिया का पांचवा देश बन चुका भारत सैनिकों पर खर्च के मामले में सबसे आगे है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) जो पूरी दुनिया के सैन्य बजट से लेकर रक्षा के बदलते तौर-तरीकों पर नजर रखता है, उसके मुताबिक साल 2019 में पूरी दुनिया का रक्षा बजट 1917 अरब डॉलर था।
ये उससे पिछले साल से 3.6 फीसदी ज्यादा रहा. इनमें जो पांच देश सबसे ऊपर हैं, उनमें से एक है भारत. इन पांचों देशों से मिलकर पूरी दुनिया के सैन्य बजट का लगभग 62 फीसदी हिस्सा खर्च किया।
भारत में प्रति सैनिक खर्च की तुलना अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और पाकिस्तान से की गई. इसमें दिखता है कि हमारे यहां कुल रक्षा बजट में से लगभग 59 प्रतिशत हिस्सा सैनिकों पर लगाया जा रहा है।
अमेरिका में ये 38 प्रतिशत है, जबकि चीन और ब्रिटेन में केवल 30 प्रतिशत हिस्सा ही सैनिकों की तनख्वाह और पेंशन पर जा रहा है. एक और अलग बात ये दिखती है कि सैनिकों पर खर्च के मामले में पाकिस्तान 40 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है।