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Jodhpur Medical News: जोधपुर के दीपक शर्मा ने बनाया मेडिसीन डिस्पेंशर सॉफ्टवेयर, ऐसे करेगा मरीजों की मदद

कहते हैं कि यदि आपके अंदर कुछ नया करने की ललक है तो आप संसार को बदलने या संसार देखने की लोगों की आदत को बदल सकते हैं। ऐसे ही काम, मेडिकल हेल्थ में दीपक शर्मा ने किया है जिन्होंने जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में अपने हॉबी का सार्थक करने के लिए मेडिसिन डिस्पेंसर सॉफ्टवेयर इजात किया है।

By: Abhinav Tiwari 
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Jodhpur Medical News: जोधपुर के दीपक शर्मा ने बनाया मेडिसीन डिस्पेंशर सॉफ्टवेयर, ऐसे करेगा मरीजों की मदद

कहते हैं कि यदि आपके अंदर कुछ नया करने की ललक है तो आप संसार को बदलने या संसार देखने की लोगों की आदत को बदल सकते हैं। ऐसे ही काम, मेडिकल हेल्थ में दीपक शर्मा ने किया है जिन्होंने जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में अपने हॉबी का सार्थक करने के लिए मेडिसिन डिस्पेंसर सॉफ्टवेयर इजात किया है।

जिससे कोई भी मरीज कब दवा खा रहा है, दवा सही समय से ले रहा है या नहीं ये सब रिकॉर्ड डॉक्टर के साथ मरीज से जुड़े संबंधित लोगों के पास चला जाएगा। जिससे वे दवाई खाने में कोई गलती नहीं करेंगे। वहीं इस डिजाइन पेटेंट को लेकर उन्हें सम्मान भी मिल रहा है।

आपको बता दें कि राजस्थान जोधपुर के रहने वाले दीपक को शुरुआत से ही इलेक्ट्रानिक्स और गैजेट्स में रुचि रही। ऐसे में दीपक ने इंजीनियरिंग सॉफ्टवेयर करने के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन में डिप्लोमा पुणे से और MBA Finance में भी डिप्लोमा किया है।

सॉफ्टवेयर फिल्ड में कितने साल का अनुभव

दीपक शर्मा ने बताया कि उन्हें सॉफ्टवेयर फील्ड में काम करते हुए 18 साल हो गया है। वहीं वे सॉफ्टवेयर फिल्ड में कैसे आए पर जवाब देते हुए बताया कि उनका झुकाव बचपन से ही इलेक्ट्रानिक गैजेट की तरफ रहा है। वे बचपन से इलेक्ट्रानिक गैजेट खोल कर उसे बनाने का प्रयास करते थे फिर समय के साथ यह उनके रग-रग में समा गया और उन्होंने इलेक्ट्रानिक में इंजीनियरिंग कर ली और इस फिल्ड में आ गए।

काम करना कब शुरू किया

दीपक शर्मा ने अपना पहला काम लैंडिसिन गियर कंपनी, नोएडा से शुरू किया जहां वे 2007 से 2010 तक कार्यरत रहे। फिर वे 2011 में सिंगापुर चले गए और 2022 तक सिंघापुर के रॉकवेल ऑटोमेशन में काम किया। इसके बाद उन्होंने अपनी जननी-जन्मभूमि में आकर काम करने का मन बनाया और वे भारत वापस आ गए। यहां आकर उन्होंने Infineon इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में काम कर रहे हैं जो कि एक सेमीकंडक्टर कंपनी है।

उन्होंने RNI News से बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि यह उनकी स्वयं की Hobby है कि वे डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में मेडिसिन डिस्पेंसर सॉफ्टवेयर बनाएं और उसपर काम करें। इस काम से उनके वर्तमान कंपनी से कोई भी संबंध नहीं है।

सॉफ्टवेयर बनाने का ख्याल कैसे आया

दीपक शर्मा ने बात करते हुए कहा कि ये समस्या घर के साथ-साथ बाहर भी देखने को मिलती है। लोग अपनी रेगुलर दवाएं खाना ज्यादातर भूल जाते हैं ऐसे में टीवी(तपेदिक), कैंसर जैसे बिमारियों में, जिसमें फ्रिक्वेंसी से दवा खाना बहुत जरूरी है के मरीजों के लिए बहुत लाभकारी है। ऐसे में उनके मन में ये ख्याल आया कि कोई ऐसा सिस्टम बनाया जाए जो टाइम पर आपको बताए कि आपको दवा कब खानी है, आपने दवा कब खाई सब डॉक्टर और आपके घर वालो को पता चल जाएगा।

वहीं उपकरण के बारे में बताते हुए कहा कि ये उपकरण रोबोट जूते के डब्बे के आकार या कहें प्योरेट के आकार का लगभग 2 फुट का है। जो कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से मोबाइल से जुड़ जाता है। यह सॉफ्टवेयर इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि ये आपको फ्रिक्वेंशी वाली दवाओं के बारे में मरीज को एलर्ट करता रहता है। और, जिस समय जो दवा सेड्यूल रहता है उस समय वो दवा सामने आ जाती है और यदि मरीज कुछ समय तक दवा नहीं लेता तो वह दवा मिस हो जाएगी। वहीं रिकॉर्ड में मिस एंट्री हो जाएगी और संबंधित लोगों के पास यह नोटिफिकेशन के रूप में मोबाइल पर एलर्ट मिल जाएगा।

इस सॉफ्टवेयर को बनाने में योगदान

दीपक शर्मा ने कहा कि मेडिसीन डिस्पेंशर सॉफ्टवेयर बनाने में वे और उनका दोस्त जो कि ICMR कंपनी में कार्यरत है ने अपना योगदान दिया है। वहीं यह सॉफ्टवेयर बनाने में उन्हें कितना समय लगा इसके उत्तर में उन्होंने बताया कि उन्हें मेडिसीन डिस्पेंशर सॉफ्टवेयर बनाने में करीब 1 साल का समय लगा है।

इससे पहले भी काम किया है

उन्होंने बताया कि इससे पहले, उन्होंने अपने बच्चे के लिए मोबाइल सॉफ्टवेयर बनाया बनाया था जिसे गाड़ियों से खेलने का शौक था। यह सॉफ्टवेयर भी IOT(Internet of Things) पर आधारित है यानि आप के अनुरूप सॉफ्टवेयर का काम करना। कहने का तात्पर्य यदि आप गाड़ी दाएं साइड ले जाना चाहते हैं तो गाड़ी सॉफ्टवेयर से दाएं और यदि बाएं ले जाना चाहते हैं तो सॉफ्टवेयर के माध्यम से बाएं ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि असल में यह उनकी हॉबी है जो कि साकार हो रहा है।

आगे क्या प्लान है

दीपक शर्मा ने कहा कि आगे हेल्थ सेक्टर में और काम करने का प्लान है पर हम उसे अभी डिस्क्लोज नहीं कर सकते। पर उन्होंने सोलर में पावर सेल और इंवर्टर पर काम करने की बात कही है। जो कि बहुत जल्द ही साकार होने वाला है।

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