लुधियाना, जिसे भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है, एक बार फिर राष्ट्रीय फोकस में है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लुधियाना में अपने दौरे के दौरान इस औद्योगिक नगरी की सराहना करते हुए इसे भारत की आर्थिक शक्ति का मजबूत आधार बताया। उन्होंने कहा कि आज जब भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, तब लुधियाना जैसे औद्योगिक शहर इस उपलब्धि के पीछे की असली ताकत हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि लुधियाना के उद्यमियों ने जिस मेहनत, समर्पण और दृष्टिकोण से अपने उद्योगों को खड़ा किया है, वह देश के हर हिस्से के लिए प्रेरणा है। यहां से तैयार होने वाली हीरो साइकिल्स और ए-वन ब्रांड न केवल देश भर में लोकप्रिय हैं, बल्कि वैश्विक बाज़ार में भी इनकी सशक्त पहचान है। इन उद्योगों ने “मेक इन इंडिया” की अवधारणा को ज़मीन पर उतारने में अहम भूमिका निभाई है।
लुधियाना की पहचान केवल साइकिलों तक सीमित नहीं है। यह शहर वस्त्र, मशीनरी, खेल सामग्री, फास्टनर और ऑटो पार्ट्स जैसे कई क्षेत्रों में भी अग्रणी है। यहां के छोटे-बड़े निवेशकों ने रोजगार के हजारों अवसर पैदा किए हैं और देश की जीडीपी में अपना अहम योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे निवेशक और उद्यमी वास्तव में देश की आर्थिक समृद्धि के प्रमुख ध्वजवाहक हैं।
डॉ. मोहन यादव ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज जब भारत वैश्विक आर्थिक मंचों पर तेज़ी से अपनी पहचान बना रहा है, तब उद्योग जगत की भूमिका और भी अहम हो गई है। केंद्र और राज्य सरकारें निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर रही हैं, ताकि भारत आने वाले वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर हो सके।
लुधियाना का उदाहरण यह दिखाता है कि यदि उद्योगों को आवश्यक संसाधन, तकनीकी सहयोग और शासन का समर्थन मिले, तो वे न केवल अपनी पहचान बना सकते हैं, बल्कि पूरे देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाने का काम भी कर सकते हैं।
इस दौरे ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारत की आर्थिक यात्रा की धुरी उसके स्थानीय उद्योगों और कड़ी मेहनत करने वाले उद्यमियों पर टिकी है। लुधियाना, अपनी औद्योगिक शक्ति के साथ, इस यात्रा का एक चमकता हुआ पड़ाव है।