आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रबोवो सुबियांतो से मुलाकात की। पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाकर गर्मजोशी से स्वागत किया। सुबियांतो गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि बनने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति हैं। इससे पहले, 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि बने थे।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गुरुवार रात नई दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत विदेश राज्य मंत्री पावित्रा मार्गेरिटा ने किया। राष्ट्रपति सुबियांतो भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आए हैं।
#WATCH | Delhi: Prabowo Subianto, President of Indonesia meets President Droupadi Murmu, PM Narendra Modi at the forecourt of Rashtrapati Bhavan
(Source: DD) pic.twitter.com/FpMTmqdKdz
— ANI (@ANI) January 25, 2025
ब्रह्मोस मिसाइल समझौते पर चर्चा की संभावना
इंडोनेशिया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें खरीदने में रुचि रखता है। इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति सुबियांतो इस विषय पर चर्चा कर सकते हैं। इसके साथ ही, रविवार को इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दल कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगा। यह पहली बार है जब इंडोनेशिया का दल विदेश में किसी राष्ट्रीय दिवस परेड में शामिल होगा।
भारत-इंडोनेशिया के मजबूत होते संबंध
पिछले कुछ वर्षों में भारत और इंडोनेशिया के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 2018 में पीएम मोदी ने इंडोनेशिया का दौरा किया था, जहां दोनों देशों के संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने पर सहमति बनी। राष्ट्रपति बनने के बाद सुबियांतो ने पीएम मोदी से फोन पर बातचीत की और दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश
भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार और रक्षा सहयोग में तेजी आई है। 2023 में दोनों देशों के बीच व्यापार 29.40 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा। इंडोनेशिया में भारतीय निवेश लगभग 1.56 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसमें बुनियादी ढांचा, इस्पात, बैंकिंग और उपभोक्ता सामान जैसे क्षेत्रों में निवेश शामिल है।
इंडोनेशिया में भारतीय मूल के करीब 1,50,000 लोग रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक पुल का काम करते हैं।
राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की यह यात्रा न केवल दोनों देशों के आपसी संबंधों को नया आयाम देगी, बल्कि रक्षा और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में नए अवसर भी प्रदान करेगी।