विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अवैध भारतीय प्रवासियों के मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत सरकार हमेशा अपने नागरिकों की वैध वापसी के लिए तैयार है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह स्पष्ट किया कि भारत अवैध प्रवासन का सख्ती से विरोध करता है और चाहता है कि भारतीयों की प्रतिभा पूरी दुनिया में पहचानी जाए।
जयशंकर ने कहा, “हम चाहते हैं कि भारतीयों की प्रतिभा वैश्विक मंचों पर दिखे। लेकिन अवैध प्रवासन के मामले में हम हमेशा सख्त रुख अपनाते हैं। अगर कोई भारतीय अवैध रूप से किसी अन्य देश में रह रहा है और उनकी पहचान स्पष्ट है, तो हम उनकी वैध वापसी सुनिश्चित करेंगे।”
अमेरिका में कितने अवैध भारतीय?
अमेरिकी प्रशासन के अनुसार, करीब 1,80,000 भारतीय बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं। इनमें से कई अपनी वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद अमेरिका में रुके हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति प्रशासन अवैध आव्रजन पर सख्ती से कार्रवाई कर रहा है और मैक्सिको सीमा पर अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए विशेष अभियान चला रहा है।
वीजा प्रक्रिया में देरी पर सवाल
जयशंकर ने अमेरिका में वीजा प्रक्रिया की धीमी गति पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी देश को वीजा देने में 400 दिनों से ज्यादा का समय लगाना उचित नहीं है। उन्होंने इस मुद्दे को भी अमेरिका के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया।
भारत का रुख
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अवैध प्रवास के खिलाफ है और इस मामले में अमेरिका के साथ मिलकर काम करना चाहती है। हालांकि, सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी भी भारतीय नागरिक की पहचान पूरी तरह से सत्यापित हो और उनकी वापसी प्रक्रिया मानवीय और न्यायपूर्ण हो।
विदेश मंत्री के इस बयान से यह साफ हो गया है कि भारत सरकार अपनी जिम्मेदारियों को लेकर प्रतिबद्ध है। वह एक तरफ भारतीयों की वैश्विक पहचान बनाने पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर अवैध प्रवासन पर भी सख्त रुख अपनाए हुए है।