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Health News: रोज-रोज के इन्सुलिन से छुटकारा, हफ्तें में केवल एक इन्सुलिन ही है पर्याप्त

आज के समय में डायाबिटीज की समस्या घरों में आम-सी बन गई है। यह एक ऐसी समस्या है जो कि इंसान के भीतर रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से होती है।

By: Abhinav Tiwari 
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Health News: रोज-रोज के इन्सुलिन से छुटकारा, हफ्तें में केवल एक इन्सुलिन ही है पर्याप्त

Health News: आज के समय में डायाबिटीज की समस्या घरों में आम-सी बन गई है। यह एक ऐसी समस्या है जो कि इंसान के भीतर रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से होती है। डायबिटीज का एक और मुख्य कारण हमारा बदलता खान-पान और हमारी बदलती जीवनशैली है। ICMR के मुताबिक देशभर में 10 करोड़ से अधिक लोग इस समस्या से पीड़ित हैं और प्रतिदिन इन्सुलिन का प्रयोग करके इसे नियंत्रित रखने का प्रयास करते हैं।

इसा समस्या से निजात पाने के लिए डेनमार्क की कंपनी Novo Nodisk ने एक ऐसी वैक्सीन तैयार की है जिसका प्रयोग हफ्तें में एक बार करने से मरीज को आराम मिल सकता है। परन्तु अभी तक यह वेक्सीन भारत में नहीं आई है, और अगर यह वैक्सीन भारत के लोगों को मिल जाती है तो वह रोज-रोज के इन्सुलिन के प्रयोग को छोड़ हफ्ते में केवल एक ही बार वैक्सीन लगाकर प्रतिदिन के झंझट से बच सकते हैं।

इस वैक्सीन को यूरोपियन मेडिसिन ऐजेंसी से प्रमीशन मिल गई है,और जल्द ही भारत में इस वैक्सीन को लाया जाएगा। इस वैक्सीन को बेचने के लिए भारतीय मेडिकल संस्थाएं सिफारिश कर रही है। जिससे बहुत जल्द ही भारतीयों को डायबिटीज जैसी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

आईकोडेक नाम की इस वैक्सीन को यूरोपियन मेडिकल ऐजेंसी की ओर से बेचने की अनुमति मिल गई है। वैक्सीन बनाने वाली यह कंपनी भारत में बेचने के लिए स्वीकृति मांग रही है ,ताकि वो इस वैक्सीन को भारत में भी आसानी से बेच सके। ध्यान रखें इस वैक्सीन का प्रयोग कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर नहीं कर सकता है बल्कि इसके लिए रजिस्टर्ड डॉक्टर की अनुमति लेनी होगी।

वैक्सीन को भारत में बेचने के लिए करनी होगी PMS स्टडी

भारत में ड्रग्स कंट्रोलर के अंतर्गत काम करने वाली कंपनी का कहना है कि भारत में इस वैक्सीन को बेचने के लिए सबसे पहले कंपनी को भारत मे पोस्ट मार्किटिंग सर्विलांस की स्टडी करनी होगी, और तीन महीनों में इस स्टडी की रिपोर्ट के बाद ही उन्हें बाजार में इस वैक्सीन को बेचने के अधिकार दिए जाऐगे। भारत मे यदि इस वैक्सीन का आयात होने लग गया तो लाखों डायबिटीज के मरीज रोज-रोज के इन्सुलिन से निजात पा सकते हैं।

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