भारत ने 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए सौदा किया था। यह सौदा तक़रीबन 58 हज़ार करोड़ का था।
लोकसभा चुनाव में इसे मुद्दा भी बनाया गया था लेकिन कांग्रेस को कोई ख़ास फायदा हुआ नहीं था।
इन विमानों में से 5 अभी जुलाई तक मिलने थे लेकिन कोरोना वायरस से फ्रांस भी बेहद पीड़ित है तो ऐसा माना जा रहा था की इसके चलते विमानों को सौपने में देरी हो सकती है।
लेकिन फ्रांस ने कहा है कि सारे विमानों की नियत समय पर यानी जुलाई में डिलीवरी की जायेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांस जाकर पहला राफेल प्राप्त किया था और उसके पूजन पर भी काफी बवाल मचा था।
इन 36 राफेल जेट्स में 30 फाइटर जेट्स हैं।
ज्ञात हो कि राफेल दुनिया के सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान है और इनका कोई सानी नहीं है।
वायुसेना प्रमुख ने एक बार कहा था की अगर बालाकोट मएयर स्ट्राइक के समय अगर राफेल होते तो शायद तस्वीर कुछ और होती।