नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी और कांग्रेस नेता करूणा शुक्ला ने 70 साल की उम्र में इस दुनिया को सदा के लिए अलविदा कह दिया। वो कोरोना संक्रमित थी, लेकिन वो कोरोना से अपनी जिंदगी की लड़ाई नहीं जीत सकीं। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमित होने के बाद करूणा को रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार देर रात रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में उनका निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक उन्होंने रात 12 बजकर 40 मिनट पर आखीरी सांस ली।
बता दें कि दिवंगत करुणा शुक्ला का अंतिम संस्कार मंगलवार को बलौदाबाजार में होगा। करुणा शुक्ला के निधन पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने शोक जाहिर करते हुए कहा कि, ”मेरी करुणा चाची यानी करुणा शुक्ला जी नहीं रहीं। निष्ठुर कोरोना ने उन्हें भी लील लिया। राजनीति से इतर उनसे बहुत आत्मीय पारिवारिक रिश्ते रहे। उनका सतत आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और हम सबको उनका विछोह सहने की शक्ति प्रदान करें।”
कौन थीं करुणा शुक्ला?
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का जन्म एक अगस्त 1950 को ग्वालियर में हुआ था। साल 1983 में पहली बार बीजेपी से विधायक चुनी गयीं। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर कांग्रेस के चरणदास महंत के खिलाफ किस्मत आजमाई लेकिन सफल नहीं हुई।
साल 1982 से 2013 तक बीजेपी रहने के बाद उन्होंने 2013 में कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव से लड़ाया।
लोकसभा सांसद रहीं करुणा शुक्ला वर्तमान में छत्तीसगढ़ में समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष थीं। वह बीजेपी में भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित तमाम बड़े पदों पर रहीं।