{ सतीश गुप्ता की रिपोर्ट }
फर्रुखाबाद कोतवाली पुलिस द्वारा ड्यूटी पर मौजूद दिव्यांग लेखपाल आशुतोष पाण्डेय की पिटाई कर दिए जाने से लेखपालों में रोष व्याप्त हो गया ।
गुस्साए लेखपालों ने फर्रुखाबाद कोतवाली में हंगामा मचाकर प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश पाण्डेय को तत्काल निलम्बित किए जाने की मांग की।
तहसील फर्रुखाबाद सदर ढिलावल क्षेत्र के लेखपाल आशुतोष पाण्डेय की फर्रुखाबाद के ठण्डी सङक स्थित नवभारत सभा भवन में बीते कई दिनों से ड्यूटी लगी हुई है।
नवभारत सभा भवन में 122 प्रवासी मजदूर ठहरे हुए हैं।
रविवार को दोपहर बाद फर्रुखाबाद कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश पाण्डेय नवभारत सभा भवन पहुंचे।
प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश पाण्डेय का किसी बात को लेकर लेखपाल आशुतोष पाण्डेय से विवाद हो गया।
तभी पुलिस ने लेखपाल आशुतोष पाण्डेय की पिटाई कर दी तथा जबरन गाङी में बैठाकर कोतवाली ले गई ।
घटना की जानकारी मिलते ही लेखपाल संघ के अध्यक्ष सैयद मीर खान,सचिव अजीत द्विवेदी,फर्रुखाबाद तहसील अध्यक्ष श्याम बाबू श्रीवास्तव, आर के शिवकुमार शाक्य, कायमगंज तहसील अध्यक्ष डॉ अजय कुमार सहित तमाम लेखपालों ने कोतवाली पहुंच कर पीङित लेखपाल आशुतोष पाण्डेय से घटना के बारे में जानकारी की।
लेखपाल आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि किस तरह पुलिस ने गन्दी गन्दी गालियां देकर उनकी पिटाई की है।मारपीट के दौरान मेरा मोबाइल भी छीन लिया है।मेरे रुपये भी गायब हो गये हैं।
गुस्साए लेखपाल आशुतोष पाण्डेय ने कहा कि मैं कमजोर लेखपाल नहीं हूं।इज्जत के लिए नौकरी करता हूं।अब मैं नौकरी से त्यागपत्र देकर इंस्पेक्टर से व्यक्तिगत निपट लूंगा ।
गुस्साए लेखपाल आशुतोष पाण्डेय ने पुलिस कर्मियों के सामने ऐलान किया कि यदि कोतवाल में हिम्मत हो तो बर्दी उतार कर सामने आए यही बात कई लेखपालों ने भी कही।
गुस्साए लेखपालों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, लेखपाल संघ जिन्दाबाद,हम सब एक हैं के नारे लगाये।
लेखपालों ने पुलिस कर्मियों को बर्दी का रोब दिखाने के लिए काफी खरी खोटी सुनाई।
पिटाई से आहत लेखपाल आशुतोष पाण्डेय कोतवाली से जाने लगे तो साथी लेखपालों ने उन्हें पकड़ कर बैठाया और कहा कि हम सब तुम्हारे साथ हैं।पुलिस चाहे लाठी चलाये, चाहे गोली चलाये,यहां से न्याय न मिलने तक नहीं जायेगे।
उन्होंने पूरे जिले में लेखपालों की हङताल करने की घोषणा करते हुए कहा कि जबतक इंस्पेक्टर को निलंबित नहीं किया जाएगा तबतक हङताल बापस नहीं होगी।
कोतवाली में हंगामें के दौरान इंस्पेक्टर वेद प्रकाश पाण्डेय मौजूद नहीं थे।
घटना की सूचना मिलते ही फर्रुखाबाद तहसील सदर के तहसीलदार राजू वर्मा व सीओ सिटी मन्नी लाल गौङ कोतवाली पहुंचे तथा घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी।
जानकारी मिलते ही तत्काल ही अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह,एसडीएम सदर अनिल कुमार,कायमगंज सीओ राजवीर सिंह गौर आदि के साथ कोतवाली पहुंच कर
पीङित लेखपाल आशुतोष पाण्डेय से घटना के बारे में जानकारी की।इसके उपरांत अधिकारियों ने पीङित लेखपाल आशुतोष पाण्डेय व प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश पाण्डेय को कमरे में बुलाकर मामले की जानकारी की।
अधिकारियों ने जांच में पाया कि इंस्पेक्टर के हमराह सिपाहियों ने लेखपाल आशुतोष पाण्डेय के साथ बदसलूकी की।उन्होंने इंस्पेक्टर वेद प्रकाश पाण्डेय को नहीं बताया कि यह व्यक्ति लेखपाल है।
इसी आधार पर दोषी सिपाहियों को लाइन हाजिर किए जाने का फैसला लिया गया है।इंस्पेक्टर के विरुद्ध कार्यवाही न होने पर गुस्साए लेखपाल कार्यालय से बाहर निकले तथा इंस्पेक्टर ने विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर हंगामा मचाने लगे।
गुस्साए लेखपालों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये।
लेखपालों का हंगामा देखकर अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह, उपजिलाधिकारी सदर अनिल कुमार व सीओ सिटी मन्नी लाल गौङ कार्यालय से बाहर निकले तथा अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने लेखपालों को शांत करते हुए बताया कि जांच में इंस्पेक्टर के हमराह सिपाही दोषी पाए गये हैं उनको लाइन हाजिर किया जा रहा है।
जबकि लेखपाल इंस्पेक्टर के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर तर्क देते रहे कि इंस्पेक्टर के सामने ही सिपाहियों ने लेखपाल आशुतोष पाण्डेय की पिटाई की।
लेखपाल ने ऐसा कौन सा अपराध किया था जो उसे पीटने के बाद कोतवाली लाया गया और उसे जमीन पर बैठाया गया।तब अधिकारियों ने बताया कि लेखपाल अपनी मर्जी से नीचे बैठ गया था।
फैसले पर राय जानने के लिए काफी देर तक लेखपाल आशुतोष पाण्डेय को तलाश किया गया।लेखपाल आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि मैं पहले कुर्सी पर बैठा था और बाद में गुस्से के कारण नीचे बैठ गया था।
मैं सिपाहियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हूं।सबसे पहले इंस्पेक्टर ने ही मेरी पिटाई की है।उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
तब अधिकारियों ने लेखपालों से कहा कि शान्तिपूर्वक बैठ जाओ ।अधिकारी रात 9 बजे तक कोई निर्णय नहीं ले सके और दर्जनों लेखपाल भूखे प्यासे कोतवाली में धरने पर बैठे रहे।