नई दिल्ली: दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता 5 मार्च को दोपहर 2:30 बजे नर्सरी दाखिले के लिए ईडब्ल्यूएस (EWS) श्रेणी के बच्चों के एडमिशन के पहले ड्रॉ ऑफ लॉट्स की प्रक्रिया का शुभारंभ करेंगी। यह कार्यक्रम शिक्षा विभाग के कॉन्फ्रेंस रूम, पुराने सचिवालय में आयोजित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि इस बार प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी और इसे अभिभावकों व मीडिया के सामने पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न किया जाएगा।
पहली बार CM करेंगी ड्रॉ की शुरुआत
यह पहली बार होगा जब कोई मुख्यमंत्री खुद इस प्रक्रिया का शुभारंभ करेंगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिभावकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ड्रॉ स्थल पर कई टीवी स्क्रीन लगाई जाएंगी, ताकि सभी लोग इसे आसानी से देख सकें। दिल्ली सरकार का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता लाना और वंचित वर्ग के छात्रों को बिना किसी कठिनाई के उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराना है।
EWS कैटिगरी में रिकॉर्ड आवेदन
दिल्ली के निजी स्कूलों में EWS कैटेगरी के तहत नर्सरी एडमिशन के लिए इस साल 38,000 सीटों के लिए कुल 2.5 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए शिक्षा का अवसर प्रदान करने की जरूरत लगातार बढ़ रही है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि पहले अभिभावकों को सिर्फ एक पर्ची पकड़ा दी जाती थी और निजी स्कूल बच्चों के दस्तावेजों में कमी निकालकर दाखिले में देरी कर देते थे। लेकिन अब इस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया गया है।
EWS आय सीमा में हुआ इज़ाफा
दिल्ली सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की वार्षिक आय सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। इससे अधिक छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने का अवसर मिलेगा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2023 में आदेश दिया था कि दिल्ली सरकार को EWS आय सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना चाहिए। पहले मुख्यमंत्री द्वारा इसे 2.5 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की सलाह दी, जिसे आखिरकार मंजूरी दे दी गई।
1741 निजी स्कूलों में जारी है दाखिला प्रक्रिया
दिल्ली के 1741 से अधिक निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि EWS श्रेणी के छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें उचित समय पर दाखिला मिल सके।