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चुनाव आयोग ने सुनी टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी की आवाज, पश्चिम बंगाल में किया उपचुनाव का ऐलान, जानिए कब होंगे चुनाव

ममता बनर्जी के लगातार उपचुनाव की मांग को मानते हुए आखिरकार चुनाव आयोग ने उपचुनाव का ऐलान कर ही दिया, जिससे ममता को बड़ी राहत मिली है। अगर आने वाले कुछ समयों में ये चुनाव नहीं होता तो ममता को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ती। आपको बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने आज पश्चिम बंगाल और ओडिशा में विधानसभा के उपचुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है।

By: Amit ranjan 
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चुनाव आयोग ने सुनी टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी की आवाज, पश्चिम बंगाल में किया उपचुनाव का ऐलान, जानिए कब होंगे चुनाव

नई दिल्ली : ममता बनर्जी के लगातार उपचुनाव की मांग को मानते हुए आखिरकार चुनाव आयोग ने उपचुनाव का ऐलान कर ही दिया, जिससे ममता को बड़ी राहत मिली है। अगर आने वाले कुछ समयों में ये चुनाव नहीं होता तो ममता को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ती। आपको बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने आज पश्चिम बंगाल और ओडिशा में विधानसभा के उपचुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है।

चुनाव आयोग के अनुसार बंगाल और ओडिशा में 30 सितंबर को उपचुनाव कराए जाएंगे। जबकि नतीजे 3 अक्टूबर को घोषित होंगे। आपको बता दें कि इस वक्त विभिन्न राज्यों में 31 विधानसभा सीटें और दो लोकसभा सीटें खाली हैं। इन पर उप चुनाव होने हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते आयोग ने सभी सीटों पर उपचुनाव के बजाय  पश्चिम बंगाल सरकार के विशेष अनुरोध पर भवानीपुर, शमशेरगंज और जंगीपुर सीटों पर उपचुनाव कराने का ऐलान किया है। वहीं, ओडिशा की पीपली सीट पर भी उपचुनाव कराया जा रहा है। इन सीटों पर आज से ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।

 

ऐसा है चुनावी कार्यक्रम

इन उपचुनाव के लिए आचार संहिता अभी से ही लागू हो गई है। उपचुनाव के लिए गजट अधिसूचना 6 सितंबर को जारी होगी और तभी से 13 सितंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकते हैं। तीस सितंबर को मतदान और 3 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी।

क्यों अहम है बंगाल का उपचुनाव?

दरअसल पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए विधानसभा का चुनाव जीतना जरूरी है। बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों का एलान मई में हुआ था और ममता को बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने हरा दिया था। चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक, यदि कोई मुख्यमंत्री किसी विधानसभा या फिर विधानपरिषद का सदस्य नहीं है तो फिर उसे 6 महीनों के अंदर किसी एक सदन का सदस्य होना अनिवार्य है।

भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ेगी ममता?

ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में मिली हार को कोर्ट में चुनौती दी थी। साथ ही ममता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ली थी। ऐसे में अपनी कुर्सी को बरकरार रखने के लिए ममता के पास चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने के लिए 6 महीने का वक्त है। ममता के लिए टीएमसी विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर सीट खाली भी कर दी थी। ममता इस सीट से दो बार विधायक भी बन चुकी हैं। ऐसे में पूरी संभावना है कि ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से ही चुनाव लड़ेंगी।

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