कुछ दिनों पहले लांच की गयी स्वामी रामदेव की कोरोनिल दवाई विवादों में आ गयी। दरअसल स्वामी रामदेव पर ये आरोप लगे की उन्होंने सर्दी कफ और बुखार की दवाई बताकर लाइसेंस ले लिया लेकिन उसका प्रचार कोरोना की दवा बताकर किया।
इसी बिनाह पर राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तो इस दवाई पर प्रतिबंध तक लगा दिया गया है। इसके अलावा खुद आयुष मंत्रालय ने स्वामी रामदेव और पतंजलि को नोटिस जारी किया है।
इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इस पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय जांच कर रहा है और उन्होंने स्वामी रामदेव से सारी जानकारी हासिल की है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोनिल पर विशेष अध्ययन नहीं किया है। आयुर्वेदिक दवाइयों पर अध्ययन का काम आयुष मंत्रालय का है। जल्द ही परिणाम सबके सामने होंगे।