रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: हिमा दास अब असम में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पहचानी जाने लगी हैं। 20 साल की हिमा भारत के लिए वो सोने की चिड़ियां हैं, जिसका मोल किया ही नहीं जा सकता। 20 साल की इस छोटी सी उम्र में हिमा ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। हिमा को अब लोग ढिंग एक्सप्रेस के नाम से जानने लगे हैं।
भारत के लिए गौरव का क्षण देने वाली हिमा दास पहली ऐसी भारतीय धावक हैं, जिन्होने हर फॉर्मेट में स्वर्ण पदक आपने नाम किया है। हिमा ने IAAF विश्व अंडर 20 चैंपियनशिप में 51.46 सेकंड में यह उपलब्धि अपने नाम की थी। हिमा दास ने साल 2019 में पांच स्वर्ण पदक अपने नाम करने में सफल रही थी। खास बात यह है कि हिमा इन पांच स्वर्ण पदकों को 19 दिन में अपने कर इतिहास रच दिया था। पिछले साल 20 जुलाई को Nove Mesto एथलेटिक्स मीट में पांचवां पदक जीता था। साल 2019 में उन्होंने 400 मीटर दौड़ को 52.09 सेकंड में पूरा किया था।
Well done! Assam Cabinet, headed by CM @sarbanandsonwal Ji has decided to offer the post of DSP in Assam Police to sprinter queen @HimaDas8 ! pic.twitter.com/kfkFcYj4KE
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) February 10, 2021
गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अपने कैबिनेट मीटिंग में ढिंग एक्सप्रेस हिमा दास को असम राज्य में एक नई जिम्मेदारी देने का फैंसला किया। मुख्यमंत्री ने हिमा दास को असम पुलिस में डिप्टी सुपरिडेंट DSP का पद देने की घोषणा की है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर दी गई है।
जिसके बाद हिमा दास को चारो तरफ से बधाईयां मिलने लगी। इसी कड़ी में केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने भी हिमा दास को बधाई दी है। रिजिजू ने ट्वीट कर हिमा को बधाई देने के साथ सोनवाल का भी आभार जताया है।
हिमा की बात करें तो वो लड़कों के साथ अपने पिता के खेत में फुटबॉल खेला करती थीं। हिमा के प्रतिभा को देखते हुए जवाहर नवोदय विद्यालय के पीटी टीचर ने उन्हे रेसर बनने की सलाह दी। पैसों की कमी की वजह से उनके पास अच्छे जूते भी नहीं थे। स्थानीय कोच निपुन दास की सलाह मानकर जब उन्होंने जिला स्तर की 100 और 200 मीटर की स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता तो कोच भी हैरान रह गए। निपुन दास हिमा को लेकर गुवाहाटी आ गए। कोच ने उनका खर्च वहन किया। शुरू में उन्हें 200 मीटर की रेस के लिए तैयार किया गया। बाद में वह 400 मीटर की रेस भी लगाने लगीं।
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क्रिकेट जगत की बात करें तो क्रिकेट जगत में भी कई महारथी भरतीय सेना की अलग अलग रैंक से नवाजे जा चुके हैं। भारत को पहला विश्वकप दिलाने वाले कपिल देव को 2008 में सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक से नवाजा गया था। जिसके बाद महेंद्र सिंह धोनी को भी लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं सचिन तेंदुलकर एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन की रैंक से सम्मानित किए जा चुके हैं।
वहीं भारत के इकलौते ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट शूटर अभिनव बिंद्रा को सरकार ने लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक से सम्मानित किया है। जबकि बॉक्सर विजेंद्र सिंह हरियाणा पुलिस में डीएसपी रैंक से सम्मानित हो चुके हैं। क्रिकेटर जोगिंदर शर्मा हरियाण पुलिस में डीएसपी हैं। हरभजन सिंह पंजाब पुलिस में डीएसपी हैं।
क्रिकेटर केएल राहुल और उमेश यादव आरबीआई में असिस्टेंट मैनेजर, युजवेंद्र चहल इनकम टैक्स ऑफिसर बनाए गए हैं। वहीं, रेसलर सुशील कुमार को रेलवे ने ओएसडी रैंक से सम्मानित कर चुका है। इस महान खिलाड़ियों की कड़ी में हिमा दास का नाम भी जुड़ गया है।