दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले दो महीने से नागरिकता संशोधन ऐक्ट के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन वाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी सार्वजनिक जगह को प्रदर्शन के लिए जाम नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि, इस मामले की अलग सुनवाई अभ 17 फरवरी को होगी।
जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि 56 दिन से सार्वजनिक जगह पर प्रदर्शन किया जा रहा है। विरध करें लेकिन इसके लिए सार्वजनिक जगह का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। जस्टिस एस के कौल ने टिप्पणी की कि सड़क को प्रदर्शन के लिए जाम नहीं किाय जा सकता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस भेज इस मामले में एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है।
पिछली सुनवाई में जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एस जोसेफ की पीठ ने कहा था कि, हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए। पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तौयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए।