दिल्ली विधानसभा चुनाव में जंगपुरा सीट इस बार चर्चा का प्रमुख केंद्र बनी हुई है। यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन अब इसे आम आदमी पार्टी का मजबूत क्षेत्र माना जाता है। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को चुनावी मैदान में उतारा है। उनके मुकाबले में भाजपा ने तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस ने फरहाद सूरी को टिकट दिया है।
जंगपुरा के मतदाता और उनकी समस्याएं
जंगपुरा के मतदाताओं से बातचीत के दौरान क्षेत्र की कई समस्याएं सामने आईं। एक स्थानीय मतदाता ने बताया कि क्षेत्र में नालियों की सफाई और जल निकासी की समस्या बनी हुई है। बारिश के दौरान सड़कें जलमग्न हो जाती हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
शौचालय और झुग्गी-झोपड़ियों का मुद्दा
12 साल से जंगपुरा में रह रहे एक निवासी ने बताया कि शौचालयों की कमी एक बड़ी समस्या है। वहीं, झुग्गी-झोपड़ियों को लेकर लोगों में डर बना हुआ है कि कहीं उन्हें तोड़ा न जाए।
आम आदमी पार्टी के कामों का जिक्र
एक महिला मतदाता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पानी, बिजली और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं पर काम किया है। हालांकि, झुग्गियों को तोड़ने के खिलाफ मजबूत आश्वासन की मांग अब भी बनी हुई है।
मनीष सिसोदिया और जंगपुरा सीट का समीकरण
मनीष सिसोदिया, जो पहले पटपड़गंज सीट से विधायक थे, इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। सिसोदिया के आने से यह सीट काफी अहम हो गई है। पटपड़गंज से सिसोदिया की जगह अवध ओझा को टिकट दिया गया है।
जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत आता है, जहां से भाजपा के हर्ष मल्होत्रा सांसद हैं। इस क्षेत्र में कुल 1,42,634 मतदाता हैं, जिनमें 77,244 पुरुष, 65,387 महिलाएं और 3 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं।
जंगपुरा में किसकी होगी जीत?
जंगपुरा में आम आदमी पार्टी का जनाधार मजबूत है, लेकिन मतदाताओं की समस्याएं और विपक्षी दलों का प्रदर्शन यहां चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। मनीष सिसोदिया का नाम और काम दोनों इस सीट को जीतने की दिशा में उनकी सबसे बड़ी ताकत माने जा रहे हैं।
क्या सिसोदिया अपनी नई सीट पर इतिहास रच पाएंगे, या विरोधी दल यहां सेंध लगाने में सफल होंगे? इसका फैसला 1,42,634 वोटर्स करेंगे।