दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को शालीमार गांव के गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की गंभीर खामियां देखीं, जिससे वे बेहद नाराज हुईं। स्कूल में पीने के पानी और टॉयलेट की खराब व्यवस्था को लेकर उन्होंने प्रिंसिपल को फटकार लगाते हुए कहा, “मुझे आपसे इस तरह की लापरवाही की उम्मीद नहीं थी। यह स्वीकार करें कि यहां कुछ गलत हो रहा है।”
स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सीएम ने दिए तुरंत सुधार के निर्देश
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया कि स्कूल में पीने के पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी, यहां तक कि शौचालयों में भी पानी उपलब्ध नहीं था। इस पर उन्होंने प्रिंसिपल से सवाल किया कि आखिर इस समस्या का समाधान कब तक होगा। जवाब में प्रिंसिपल ने कहा, “मैम, आज ठीक करवा देंगे।”
इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा, “यह जवाब स्वीकार्य नहीं है। बच्चों को बुनियादी सुविधाएं मिलनी ही चाहिएं।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही पर सख्त रुख, क्लासरूम का किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने स्कूल का विस्तृत निरीक्षण करते हुए क्लासरूम, बेंच, ब्लैकबोर्ड और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “दिल्ली सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र को स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी न हो।”
सरकार शिक्षा सुधार पर गंभीर, हर स्कूल का होगा औचक निरीक्षण
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहर के सभी सरकारी स्कूलों का नियमित निरीक्षण किया जाए और जहां भी कमियां पाई जाएं, उन्हें तुरंत दूर किया जाए।
यह निरीक्षण दर्शाता है कि दिल्ली सरकार बच्चों की शिक्षा और उनके लिए बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गंभीर है। आने वाले समय में अन्य सरकारी स्कूलों में भी इसी तरह का निरीक्षण किया जाएगा, ताकि हर छात्र को बेहतरीन शिक्षा और सुविधाएं मिल सकें।