रिपोर्ट: अनुष्का सिंह
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सोमवार को सुबह 11 बजे दिल्ली के सभी स्कूलों में यूथ फॉर एजुकेशन के तहत “देश के मेंटर” प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस प्रोग्राम का मकसद दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सशक्त बनाना और उन्हें आगे का रास्ता दिखाना है। इस योजना को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने तैयार किया है।
इस योजना का शुभारंभ त्यागराज स्टेडियम में किया गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभा को सम्बोधित करते हुऐ कहा कि आज से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मेंटर योजना शुरू हो गई है। सभी युवाओं से मेरी अपील है कि एक मेंटर के तौर पर बच्चों के साथ जरूर जुड़ें और उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाने में उनकी मदद करें। केजरीवाल ने कहा कि जब बच्चा 9वीं में आता है तो उस पर तरह-तरह के दबाव होते हैं। इन बच्चों को हम मे बड़ा भाई, दोस्त, बहन मिले जिसके साथ बच्चा अपने दिल की बात कर सकें। दिल की बात बताने से उसका दिल हल्का हो जाता है और वह मानसिक तनाव से भी निकल जाता है। जो भी हमारे मेंटर बनेंगे वो दिल्ली ही नही देश से बनेंगे। उन्होने आगे कहा कि ‘स्कूल खत्म होने के बाद बच्चों को यह नहीं पता होता कि वह भविष्य में क्या करे। अगर बच्चों को उस समय अच्छे मेंटोर मिलेंगे जो उन्हें बता सकें कि वह आगे क्या कर सकते हैं तो बच्चों को काफी मदद मिलेगी।
साथ ही लॉन्च के दौरान सीएम ने बताया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कुल 16 लाख बच्चे पढ़ते थे। लेकिन इस साल ये अनुपात बढ़कर 18.70 लाख हो गया हैं। इस साल दिल्ली के प्राइवेट स्कूल से 2.70 लाख बच्चो ने अपना नाम कटवा कर सरकारी स्कूल में दाखिल कराया है। ये सब लोगों की मेहनत का कमाल है। इससे पता चलता है कि नीयत हो तो सब हो सकता है। हमने कुछ दिन पहले देशभक्ति पाठ्यक्रम लांच किया तो लोग कहने लगे कि क्या देशभक्ति सिखाई जा सकती है? हमने दिल्ली सरकार के स्कूलों में हैप्पीनेस करिकुलम शुरू किया तो लोग कहने लगे कि हैप्पीनेस सिखाई जा सकती है क्या? अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी दिल्ली सरकार के स्कूल में हैप्पीनेस क्लास देखने आई। दिल्ली के स्कूलो मे एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम चल रहा है, जिससे बच्चे नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनेंगे।