सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस को लेकर देश की सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने के मामलें को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है।
मुख्य न्यायधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने राज्यों, केन्द्र शसित प्रदेशों के जेल महानिदेशकों और मुख्य सचिवों को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने सभी को 20 मार्च तक यह बताने का निर्देश दिया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए है।
कोर्ट ने देशों की जेलों में क्षमता से अधिक बंद कैदियों के होने पर भी चिंता जाहिर करते कहा कि इतनी बड़ी संख्या में बंद लोगों का एक जगह होना बड़ी समस्या है इससे कोरोना वायरस फैलने की संभावना अधिक हो सकती है।
कोर्ट ने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए कुछ दिशा निर्देश जारी करने होगें। कोर्ट ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों ने महामारी कोविड-19 के दौरान कदम उठाए है लेकिन अभी भी कुछ राज्य ऐसे है जो उचित उपाय नहीं कर पाए है।