केंद्र सरकार ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) को ‘नवरत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) का प्रतिष्ठित दर्जा प्रदान किया है। यह दर्जा उन कंपनियों को दिया जाता है जो वित्तीय प्रदर्शन के महत्वपूर्ण मापदंडों को पूरा करती हैं, जैसे कि शुद्ध लाभ, टर्नओवर और नेटवर्थ।
क्या होगा नवरत्न का फायदा?
नवरत्न का दर्जा मिलने से इन दोनों कंपनियों को वित्तीय निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता मिलेगी। सरकार की मंजूरी के बिना अब ये कंपनियां 1,000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकती हैं, जिससे इनकी विकास योजनाओं को गति मिलेगी।
25वीं और 26वीं नवरत्न कंपनियां बनीं IRCTC और IRFC
डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज के मुताबिक, IRCTC 25वीं और IRFC 26वीं नवरत्न कंपनी बन गई है। इससे पहले, सितंबर 2024 में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन और रेलटेल कॉरपोरेशन को नवरत्न का दर्जा दिया गया था।
IRCTC और IRFC का वित्तीय प्रदर्शन
IRCTC (2023-24):
वार्षिक टर्नओवर: ₹4,270.18 करोड़
शुद्ध मुनाफा: ₹1,111.26 करोड़
नेटवर्थ: ₹3,229.97 करोड़
IRFC (2023-24):
वार्षिक टर्नओवर: ₹26,644 करोड़
शुद्ध मुनाफा: ₹6,412 करोड़
नेटवर्थ: ₹49,178 करोड़
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी बधाई
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि के लिए दोनों कंपनियों को बधाई देते हुए कहा कि यह रेलवे क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट वित्तीय प्रगति का प्रमाण है।
सरकारी कंपनियों को मिलेगी नई ऊर्जा
सरकार ने CPSEs को तीन समूहों में वर्गीकृत किया है— महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न। इस पहल का उद्देश्य सरकारी कंपनियों को अधिक प्रतिस्पर्धी और दक्ष बनाना है। IRCTC और IRFC को नवरत्न का दर्जा मिलने से रेलवे क्षेत्र में और अधिक नवाचार और विकास को बढ़ावा मिलेगा।