केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली और एनसीआर के प्रदूषण पर नजर रखने के लिए एक सख्त कदम उठाया है। देसलही सरकार ने सीपीसीपी (CPCB) की 50 टीमों को त्यार किया है, जो दिल्ली और दिल्ली के अस्स पास के इलाको के पास बढ़ते प्रदुषण को रोकने के लिए काम करेगी। ये टीम आज दिल्ली से रवाना हो चुकी है।
सभी टीमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जगहों पर प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखेंगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टीम को रवाना करने के बाद बताया की सीपीसीबी की टीम कई राज्यों में जाकर वहां पर प्रदूषण की स्थिति का मुआयना करेंगी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि टीम उन जगहों पर नजर रखेगी, जहां निर्माण कार्य चल रहा है। यहां पर इस बात की जांच होगी कि पर्यावरण मंत्रालय के प्रदूषण संबंधी गाइडलाइन का यहां पालन किया जा रहा है या नहीं। अगर कोई प्रदूषण फैलाता है और पर्यावरण मंत्रालय के नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
50 teams of CPCB deployed in Delhi-NCR will inspect pollution-causing activities. 95% of air pollution in the city is due to local factors like dust, construction and biomass burning. All offenders will be punished.
We must also do our bit by minimising use of personal vehicles pic.twitter.com/ZDYDKCamJ0
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 15, 2020
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा है कि पराली जलाने का काम अभी कुछ दिन और चलेगा। इसलिए उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि राज्य में किसानों को पराली जलाने से रोकें। क्योंकि पंजाब में पराली जलाने से हरियाणा और दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मेरा गला प्रदूषण की वजह से उस समय जाम हो गया, जब मैं लुधियाना में एक समारोह के लिए गया था। जैसे हम कोरोना योद्धाओं को सलाम करते हैं, वैसे ही हमें CPCB क्रैक टीमों की भी सराहना करनी चाहिए।
सरकारी डेटा बताता है कि पंजाब में पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 280% का इजाफा हुआ है। पिछले साल पंजाब में 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक 775 पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट हुई थीं जो इस साल इसी अवधि में 2,873 तक पहुंच गई हैं।
सच्चाई यह है कि पराली जलने से हवा के प्रदूषित होने का संकट एक बार फिर पूरी ताकत से लौट आया है। पिछले 24 घंटे में ही पराली जलाने की 900 घटनाओं की पहचान हुई है इनमें से अधिकतर मामले पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तर भारतीय राज्यों से हैं।