नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज दिल्ली स्थित भारत मंडपम में ‘डेयरी क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी और सर्कुलरिटी पर कार्यशाला’ का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यशाला में सहकारिता मंत्रालय और पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्रालय की नीतियों पर विस्तृत चर्चा होगी। इसका उद्देश्य डेयरी फार्मिंग को अधिक टिकाऊ बनाना और पर्यावरण-संरक्षण के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
बायोगैस संयंत्रों के लिए समझौते होंगे
कार्यशाला के दौरान कई राज्यों में बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापनों (MOU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह संयंत्र डेयरी अपशिष्ट को बायोगैस, संपीड़ित बायोगैस और जैविक उर्वरकों में परिवर्तित करने में मदद करेंगे। साथ ही, टिकाऊ खाद प्रबंधन मॉडल पर तकनीकी सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
डेयरी उद्योग में नई तकनीक पर रहेगा फोकस
कार्यशाला में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, उद्योग जगत और वैश्विक संगठनों के विशेषज्ञ चक्रीय डेयरी प्रथाओं, वित्तपोषण विकल्पों, कार्बन क्रेडिट अवसरों और अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके जरिए डेयरी उद्योग को और अधिक आधुनिक और कुशल बनाने की योजना है।
‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को मिलेगी गति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को आगे बढ़ाने के लिए इस कार्यशाला को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस आयोजन में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह), केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन सहित कई अन्य गणमान्य नेता मौजूद रहेंगे।
सरकार की पहल से डेयरी क्षेत्र को मिलेगी नई दिशा
यह कार्यशाला डेयरी सेक्टर को आत्मनिर्भर और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। सरकार की नई पहल नवाचार, अपशिष्ट प्रबंधन और बायोगैस उत्पादन को बढ़ावा देकर डेयरी किसानों की आय बढ़ाने और उद्योग को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक होगी।