नई दिल्लीः आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया है। उन्होंने कहा है कि दो हजार रुपये के नोटों को बदलने की तैयारी पूरी कर ली गई है। रिजर्ब बैंक ने निर्देश जारी करते हुए सभी बैंकों को हर रोज बैंकों में जमा हो रहे 2000 के नोटों का डेटा मेंटेन करने को कहा। केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया है कि नियमों के तहत जितने चाहे उतने नोट बदले जा सकते हैं। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आम जनता को काउंटर पर 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से दी जाएगी, जैसा कि पहले दी जाती रही है।
उन्होंने कहा कि नोट बदलने के लिए चार महीने का समय मिलेगा इसलिए दो हजार का नोट बदलने के लिए लोग हडबड़ी न मचाएं। दास ने कहा कि 23 मई से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक होगी। साथ ही उन्होंने कहा, हम नोट बदलने में आने वाली मुश्किलों को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि दो हजार के नोटों को छापने का फैसला 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के दौरान करेंसी की कमी को पूरा करने के लिए लिया गया था। अब यह मकसद पूरा हो चुका है। आज अन्य मूल्यवर्ग के पर्याप्त नोट प्रचलन में हैं। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोटों की छपाई भी बंद कर दी गई है।