टीम इंडिया वर्ल्ड कप की तैयारी के तहत वेस्टइंडीज में तीन मैचों की वनडे सीरीज खेल रही है। जहां प्लेइंग इलेवन में लगातार बदवाल किया जा रहा है। टीम इंडिया के इस फैसले पर पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने आपत्ति जताई है। जबकि कोच राहुल द्रविड़ का कहना है कि वर्ल्ड कप से पहले खिलाड़ियों को आजमाने का आखिरी मौका है। वहीं खिलाड़ियों के आजमाने के दौरान रिजल्ट भी मनमुताबिक नहीं आ रहा है। दूसरे वनडे में बड़ा बदलाव किया गया। कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया। इन दोनों खिलाड़ियों की जगह युवा खिलाड़ियों को मौका मिला।
दूसरे वनडे मैच में टीम इंडिया की कमान हार्दिक पांड्या के हाथों में थी। लेकिन रिजल्ट पहले मैच से बिल्कुल विपरीत आया। यानी कि रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैर मौजूदगी में टीम इंडिया पूरे 50 ओवर खेल भी नहीं पाई और 200 से पार स्कोर नहीं हुआ। वेस्टइंडीज ने चार विकेट खोकर 36.4 ओवर में 182 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया। जबकि पहले मैच में बल्लेबाजी क्रम में बदलाव जरूर हुआ था, लेकिन रिजल्ट टीम इंडिया के पक्ष में आया था।
वेस्टइंडीज दौरे पर वनडे सीरीज में ऐसे बदलाव से पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सवाल खड़ा कर रहे हैं। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव और सीनियर खिलाड़ियों के प्लेइंग इलेवन से बाहर रहने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कहीं पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप वाली कहानी न दोहरा जाए। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया की हालत कुछ ऐसी ही थी। टी20 वर्ल्ड कप से पहले कई खिलाड़ियों को आजमाया गया था। उसके बाद सेलेक्शन पर भी सवाल खड़े किए गए थे।
एक बार फिर वही कहानी दोहराई जा रही है। क्योंकि पहले मैच में नंबर चार पर हार्दिक पांड्या बैटिंग करने आए और दूसरे मैच में अक्षर पटेल को बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया। टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती नंबर चार की बल्लेबाजी करने वाले एक खिलाड़ी को ढूंढने की है। इस चुनौती से पार पाना आसान नहीं लग रहा है, तो वहीं पहले मैच में कप्तान रोहित शर्मा नंबर सात पर बैटिंग करने आए थे। ऐसे में टीम इंडिया का ये बदलाव किसी को समझ नहीं आ रहा है।
वर्ल्ड कप में जब रोहित शर्मा को अपनिंग करनी है तो अभी उनके बैटिंग पोजिशन में क्यों बदलाव किया जा रहा है। अगर उनको ओपनिंग नहीं भी करनी है तो मध्यक्रम में बैटिंग के लिए आजमाना चाहिए। लेकिन नंबर सात पर बैटिंग करने आना किसी को समझ नहीं आ रहा है। विराट कोहली को न तो पहले मैच में बैटिंग करने का मौका मिला और न ही दूसरे मैच में ऐसे में क्या समझा जाए कि टीम मैनेजमेंट विराट कोहली की फॉर्म को लेकर बिल्कुल आश्वस्त है। विराट कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ी को बैटिंग करने का मौका मिलना चाहिए। नहीं तो ऐसे ही बदलाव होते-होते वर्ल्ड कप शुरू हो जाएगा।