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बंद कमरे में महिला और पुरूष करेंगे गलत काम, ऐसा नहीं हो सकता- HC

By: RNI Hindi Desk 
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बंद कमरे में महिला और पुरूष करेंगे गलत काम, ऐसा नहीं हो सकता- HC

रिपोर्ट: मोहम्मद आबिद

चेन्नई: भारत समाज में महिला और पुरूष को बराबर का स्थान दिया गया है और दोनों एक दूसरे की इज्जत भी करते हैं लेकिन दोनों एक साथ बंद कमरे में मिल जाए तो समाज उन दोनों को गिरी हुई निगाहों से और इस निगाह से देखने लगेंगे की दोनों ने कुछ गलत काम किया है क्योंकि दरवाजा बंद था और इस वजह से उनको समाज में उन दोनों के लिए ख्याल बदल जाएगा।

किसी महिला और पुरुष को बंद कमरे में पाए जाने पर कुछ गलत होने के धारणा बन जाती है और इस वजह से या इसी शक के चलते एक तमिलनाडु के पुलिसकर्मी को समाज में शर्मिंदा होने के साथ ही अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है और जिसके बाद पुलिसकर्मी ने विभागीय कार्रवाई होने के बाद कोर्ट का रूख किया जिसमें मद्रास हाईकोर्ट ने मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिसकर्मी पर हुई विभागीय कार्रवाई को गलत ठहराया है।

विभागीय कार्रवाई पर हाईकोर्ट का बयान

पुलिसकर्मी के खिलाफ हुई विभागीय कार्रवाई पर मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस आर सुरेश कुमार ने सुनवाई करते हुए कहा, ‘पुरुष और महिला बंद कमरे में अकेले मिलते हैं तो जरूरी नहीं कि वो अनैतिक संबंध बना रहे हों, देश के समाज में इस तरह से लगाए गए अनुमान के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

बतादें की तमिलनाडु पुलिस में तैनात कांस्टेबल के. सरवन बाबू 10 अक्टूबर 1998 को एक महिला कांस्टेबल के साथ अपने सरकारी क्वार्टर में थे। इस दौरान उनके पड़ोसी वहां पहुंच गए, उस क्वार्टर का दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद सरवन पर महिला कांस्टेबल से संबंध बनाने के गंभीर आरोप लगे और नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। विभागीय कार्रवाई और चरित्र पर लगे दाग के खिलाफ सरवन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। विभागीय कार्रवाई का शिकार हुए पुलिसकर्मी के. सरवन बाबू ने कहा है की उनके आसपास के लोगों ने उन्हें जानबूझ कर फंसाने का काम किया था।

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