रिपोर्ट:- मोहम्मद आबिद
पटना: वित्तीय वर्ष 2021- 22 का बजट संसद में पेश हो चुका है और जो बजट पेश हुआ है वह सभी के सामने हैं। बजट पेश होने के बाद से ही विपक्षी पार्टियों ने सरकार और सरकार के बजट को निशाने पर ले लिया है, जिसे लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने जो बजट पेश किया है वो एक बड़ी टीम ने महीनों की मेहनत के बाद तैयार किया है। आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है उसे एक-एक चीज को बारीकी से समझ-बूझकर सालभर का खांका खींचा गया होगा, लेकिन लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक समझ में और बजट को सुनने के बाद समझ लिया है और उस समझे हुए बजट पर अपनी राय भी दे दी है।
निर्मला सीतारमण के बजट पर कसा तंज
निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट संसद में पेश किया। इसे लेकर बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने सरकार पर तंज कसा। ट्विटर के माध्यम से उन्होंने अच्छे दिन के नारे पर भी कटाक्ष किया। तेजप्रताप यादव ने लिखा कि ‘आज का बजट, गांव की जमीन बेचकर शहर में मोटरसाइकिल खरीदी और कहा अच्छे दिन आ गए।’
आज का बजट
गाँव की जमीन बेचकर शहर में मोटरसाइकिल खरीदी और कहा अच्छे दिन आ गए 🤫🤦♂️#Budget2021
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) February 1, 2021
तेजस्वी यादव ने बताया देश बेचने वाला बजट
वहीं दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव के दूसरे बेटे तेजस्वी यादव ने निर्मला सीतारण के बजट पर निशाना साधा और लगातार दो ट्वीट किए और उन्होंने पहले ट्वीट में कहा कि बजट देश बेचने वाला बजट है और यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों व संपत्तियों को बेचने की सेल थी। रेल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, लाल किला, BSNL, LIC बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक, बंदरगाह, बिजली लाइनें, राष्ट्रीय सड़कें, स्टेडियम, तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई निश्चय है।
यह देश बेचने वाला बजट है।यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों व संपत्तियों को बेचने की सेल थी।रेल,रेलवे स्टेशन,एयरपोर्ट,लाल किला, BSNL,LIC बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक,बंदरगाह,बिजली लाइनें,राष्ट्रीय सड़के, स्टेडियम,तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई निश्चय है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 1, 2021
वहीं एक दूसरे ट्वीट में तेजस्वी यादव ने लिखते हुए कहा कि आम बजट में बिहार के लिए कोई नई यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, राष्ट्रीय राजमार्ग, कारखाना, औद्योगिक इकाई, रेलवे लाइन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट नहीं, बल्कि ऊपर से आम आदमी पर बोझ लाद दिया। केंद्र सरकारी प्रतिष्ठान बेच रही है फिर भी बिहार NDA के 40 में से 39 सांसद मेज थपथपा रहे थे। शर्मनाक!