भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकते सितारों में से एक विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। सोमवार को उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस खबर की पुष्टि की। उन्होंने 14 साल लंबे टेस्ट करियर को विदा देते हुए एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने टेस्ट फॉर्मेट को अपनी आत्मा का हिस्सा बताया।
विराट ने लिखा, “टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू जर्सी पहने हुए 14 साल हो गए हैं। इस फॉर्मेट ने मुझे जितना दिया है, वह मेरी कल्पना से कहीं अधिक है। मैं इसे छोड़ते हुए भावुक हूं, लेकिन संतुष्ट हूं कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।”
विराट कोहली ने 123 टेस्ट मैचों में 210 पारियों में 9230 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 46.85 रहा। उन्होंने इस दौरान 30 शतक और 31 अर्धशतक लगाए। वे 10000 रन के अपने सपने से मात्र 770 रन दूर रह गए। कोहली ने टेस्ट में 1027 चौके और 30 छक्के भी जड़े। उनका आखिरी टेस्ट इसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेला गया था। वहीं, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ की थी।
कोहली के फैंस हमेशा उनके 10000 टेस्ट रन पूरे होते देखने का सपना देख रहे थे, लेकिन उन्होंने उससे पहले ही क्रिकेट के इस सबसे लंबे फॉर्मेट को अलविदा कह दिया। उनका यह फैसला फैंस के लिए किसी सदमे से कम नहीं है, क्योंकि एक ही हफ्ते के भीतर पहले रोहित शर्मा और अब कोहली ने टेस्ट से संन्यास लिया है।
कोहली का हालिया टेस्ट प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई पिछली सीरीज में वे तीन टेस्ट की छह पारियों में केवल 93 रन ही बना सके थे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नौ पारियों में 190 रन बनाए, जिनमें से 100 रन एक पारी में थे। इसके बाद लगातार आठ पारियों में वह फ्लॉप रहे और 90 रन ही बना सके।
विराट कोहली अब केवल वनडे प्रारूप में नजर आएंगे। वह पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले चुके हैं। वनडे में उनका प्रदर्शन अब भी जबरदस्त है — 302 मैचों में 14181 रन, 51 शतक और 74 अर्धशतक के साथ। उनका वनडे औसत 57.88 है।
कोहली भारतीय टीम के तीनों प्रारूपों के कप्तान रह चुके हैं। उन्होंने 2014 में धोनी के बाद टेस्ट कप्तानी संभाली, और 2022 तक इस भूमिका में रहे। वह भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में गिने जाते हैं।
विराट कोहली का टेस्ट से संन्यास एक ऐसा पल है जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। भले ही उन्होंने एक अधूरा सपना छोड़ दिया हो, लेकिन उनके योगदान को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले गई है।
This Post Is Written By Abhinav Tiwari