रिपोर्ट: सत्यम दुबे
बाराबंकी: कोरोना महामारी के दूसरे लहर का कहर लगातार जारी है। कोरोना से संक्रमित मरीज ऑक्सीजन और दवाईयों की कमीं से लगातार दम तोड़ रहें हैं। महामारी के दूसरे लहर ने कई हंसते-खेलते परिवारों को तबाह कर दिया है। केंद्र सरकार से लेकर सभी राज्य सरकारें लोगों जल्द से जल्द वैक्सीन लगवानें का प्रयास कर रहीं हैं। इसके साथ लोग कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों में काफी उत्साह दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर गांवों वैक्सीन को लेकर जागरुकता की कमीं देखने के मिल रहा है।
आपको बता दें कि बाराबंकी जिले के सिसौदा गांव में कोरोना वैक्सीन को लेकर गांव वालों में जागरुकता की कमीं दिखी। यहां जब मेडिकल की टीम टीकाकरण करने गई तो मेडिकल टिम से बचने के लिए गांव के कुछ लोग सरयू नदी में कूद गये। 1500 की आबादी वाले इस गांव में मात्र 14 लोग ही वैक्सीन लगवाने की हिम्मत जुटा सके।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में टीकाकरण कराने की सूचना मात्र से ही ग्रामीण डर गए और वह गांव के बाहर बह रही सरयू नदी के किनारे आकर बैठ गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम को जब यह सूचना मिली कि ग्रामीण नदी की तरफ है तो वे उन्हें समझाने चल दिये। अपनी तरफ टीम को आता देख कर ग्रामीण इतने भयभीत हो गए कि उन्हें भागने का रास्ता नहीं सूझा और वे टीम से बचने के लिए सरयू नदी में कूद पड़े। छलांग लगाते समय ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह भी नहीं की। ग्रामीणों को नदी में छलांग मारता देख स्वास्थ्य विभाग की टीम के हाथ पैर फूल गए और ग्रामीणों से बाहर आने का अनुरोध करने लगे। मगर ग्रामीण बाहर निकलने को तैयार नहीं थे।
SDM रामनगर राजीव शुक्ल और नोडल अधिकारी राहुल त्रिपाठी के समझाने के बाद ग्रामीण नदी से बाहर आये। SDM ने ग्रामीणों के अन्दर व्याप्त डर और भ्रांतियों को दूर कर उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए राजी किया, तब जाकर एक के बाद एक कुल 14 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। इस गांव की आबादी की बात करें तो 1500 लोग यहां निवास करते हैं।