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Uttrakhand News: राज्य के विकास के साथ विरासत का संरक्षण भी है जरुरी: धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज को संरक्षित करते हुए बची हुई खाली जमीन में आयुर्वेद एम्स बनाया जाएगा। उनका कहना है कि राज्य के विकास के साथ-साथ पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की दिशा की ओर ध्यान केन्द्रित कर कार्ययोजना बनाने की तैयारी की जानी चाहिए।

By: Priya Tomar 
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Uttrakhand News: राज्य के विकास के साथ विरासत का संरक्षण भी है जरुरी: धामी

Uttrakhand News:  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज को संरक्षित करते हुए बची हुई खाली जमीन में आयुर्वेद एम्स बनाया जाएगा। उनका कहना है कि राज्य के विकास के साथ-साथ पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की दिशा की ओर ध्यान केन्द्रित कर कार्ययोजना बनाने की तैयारी की जानी चाहिए।

सीएम ने विरासत को संजोकर रखने की कही बात

आपको बता दें कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय जैसे ऐतिहासिक धरोहर को तोड़कर आयुर्वेद एम्स बनाने के स्थान पर खाली जमीन पर ध्यान नहीं देने के कारण सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि विकास तो जरूरी, लेकिन इसके साथ- साथ अपनी ही विरासत को संजोकर रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है। उन्होंने कहा कि ऋषिकुल विद्यापीठ और ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज का संबंध पं. मदन मोहन मालवीय से है।

विकास के लिए धामी सरकार के अथक प्रयास

सीएम धामी का कहना है कि जलवायु में हो रहे परिवर्तन को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। जलवायु परिवर्तन का असर हर वर्ष बढ़ता हुआ ही नजर आता है। इसको लेकर भी सराकर द्वारा नीति तैयार की जा रही है।

इस दिशा में भी विचार किया जा रहा है कि जितनी हमारे राज्य की संख्या है, उससे करीब सात से आठ गुना अधिक लोग यहां आकर पर्यावरण से जुड़ते हैं। प्रतिवर्ष यह संख्या कहीं न कहीं बढ़ रही है। इसके लिए अलग से व्यवस्था की मांग सरकार द्वारा की गई है।

सीएम ने कहा कि विकास की गति को तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ाने की आवश्यकता है,और इस बात का प्रमाण है कि नीति आयोग ने सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक औसत अंक जारी किया है, जिसमें उत्तराखंड का नाम देश के पहले नंबर के राज्य में आया है।

हम इस पर और अच्छे से कार्य करेंगे,जिससे देश में उत्तराखंड पहले स्थान पर रह सकें इसको कायम रखने की भी चुनौती को स्वीकार करते हुए स्वीकार करेंगे।

उत्तराखंड की विरासत

उत्तराखंड एक प्राचीन स्थान है, जिसका मुख्यालय उत्तरकाशी में है, जिसका नाम समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है । जैसा कि नाम से पता चलता है कि उत्तर (उत्तरा) का काशी लगभग समान है, जैसा कि मैदानी (वाराणसी) का काशी है। मैदानी (वाराणसी) और उत्तर का काशी दोनों गंगा (भागीरथी) नदी के तट पर स्थित हैं।

जो क्षेत्र पवित्र और उत्तरकाशी के रूप में जाना जाता है, वह क्षेत्र नारायण गाल को भी वरुण और कलिगढ़ के नाम से जाना जाता है, जो कि असी के नाम से भी जाना जाता है।

वरुण और असी भी नदियों के नाम हैं, जिसके बीच सागर का काशी झूठ है। उत्तरकाशी में सबसे पवित्र घाटों में से एक है, मणिकर्णिका तो वाराणसी में एक ही नाम से है। दोनों विश्वनाथ को समर्पित मंदिर हैं।यह उत्तराखंड की सबसे अहम विरासत है।

This post is written by PRIYA TOMAR

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