उत्तरकाशी के चीन सीमा से सटे जादूंग गांव में पर्यटन और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से मेला स्थल का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पहले चरण में छह होमस्टे का निर्माण शुरू हो चुका है।
रीति-रिवाज और संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
मेला स्थल बनने से जाड़ समुदाय के लोग अपनी परंपराओं और संस्कृति से जुड़े लोकोत्सवों का आयोजन जादूंग गांव में कर सकेंगे। पर्यटन विभाग ने इस प्रोजेक्ट के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का काम तेज कर दिया है।
होमस्टे निर्माण की प्रगति
सितंबर 2024 से शुरू हुए पहले चरण में छह होमस्टे पहाड़ी शैली में बनाए जा रहे हैं। इनमें से तीन होमस्टे की नींव का काम पूरा हो गया है, जबकि चौथे होमस्टे का काम प्रगति पर है। ये होमस्टे 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद विस्थापित हुए जादूंग के मूल निवासियों को सौंपे जाएंगे।
मेला स्थल और होमस्टे निर्माण की विशेषताएं
मेला स्थल: लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से मेला मैदान का निर्माण होगा। यह जाड़ समुदाय को सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए स्थान प्रदान करेगा।
होमस्टे: पहले चरण के बाद, दूसरे चरण में 17 होमस्टे और बनाए जाएंगे। यह सभी होमस्टे जादूंग गांव के कुल 23 परिवारों को समर्पित होंगे।
आईटीबीपी पोस्ट को स्थानांतरित करने की जरूरत
दूसरे चरण के काम के लिए जादूंग गांव में तैनात आईटीबीपी की पोस्ट को स्थानांतरित करना जरूरी है।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मेला स्थल और होमस्टे निर्माण क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति देंगे।
परियोजना की टाइमलाइन: गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट 30 नवंबर को बंद होने के कारण, कार्य 29 नवंबर को रोक दिया जाएगा और अगले साल जून 2025 में फिर से शुरू किया जाएगा।