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उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) जल, जंगल और जमीन की कुंडली बांचने में जुटा, प्रदेश की विभिन्न संपदाओं और संसाधनों की मैपिंग की जा रही

By: RNI Hindi Desk 
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उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) जल, जंगल और जमीन की कुंडली बांचने में जुटा, प्रदेश की विभिन्न संपदाओं और संसाधनों की मैपिंग की जा रही

देहरादून: यूसैक की पिछले तीन साल की गतिविधियों के मुताबिक केदारनाथ क्षेत्र में पारिस्थितिकीय व भूगर्भीय सर्वेक्षण कर उसका डाटा सरकार को सौंपा जा चुका है। वहीं, केदारनाथ के यात्रा मार्ग के आपदा संवेदनशील क्षेत्रों का सर्वे कर उसकी जानकारी लोनिवि को दी जा चुकी है। इस अवधि में यूसैक ने सभी जिलों की मूलभूत सुविधाओं व संपत्तियों का मैप भी तैयार किया है। इस मैप को सर्वे ऑफ इंडिया से भी सराहना मिल चुकी है।

सड़क निर्माण संबंधी परियोजनाओं को बेहतर बनाने के लिए जीआइएस आधारित मैप तैयार किए गए हैं। नई प्रस्तावित परियोजना में पांवटा साहिब से बड़कोट, कोटद्वार से श्रीनगर व ऑल वेदर रोड के तहत चंबा के पास बन रही टनल व उसके आसपास के गांवों को पहुंच रहे नुकसान का सर्वे भी शामिल है। विभिन्न सर्वेक्षण कार्य अब तक पूरे भी किए जा चुके हैं। यह जानकारी यूसैक निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर जागरण के साथ साझा की।

यूसैक निदेशक डॉ. बिष्ट ने बताया कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जल संसाधन के क्षेत्र में भी अंतरिक्ष तकनीक का प्रयोग किया गया है। सभी प्रमुख नदियों, हिमाच्छादित क्षेत्रों व झीलों पर तकनीकी रिपोर्ट तैयार की गई है। बुग्यालों में हो रहे मृदा क्षरण और फसल आकलन की दिशा में भी यूसैक ने सर्वे संबंधी कार्य किए हैं।

यूसैक निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट के मुताबिक हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में व्यापक स्तर पर भू-डाटाबेस तैयार किया गया है। इसके अलावा सेटेलाइट और जमीनी सर्वे से मिले आंकड़ों की मदद से कुंभ क्षेत्र का बेस मैप भी तैयार किया गया है।

 

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