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विकास दुबे केस : पूर्व डीआईजी से एसआईटी ने की पूछताछ, पांच लाख रुपए लेने का ऑडियो हुआ था वायरल

By: RNI Hindi Desk 
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विकास दुबे केस : पूर्व डीआईजी से एसआईटी ने की पूछताछ, पांच लाख रुपए लेने का ऑडियो हुआ था वायरल

कानपुर के बहुचर्चित विकास दुबे कांड की जांच कर रही एसआईटी के सामने सोमवार को पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी पहुंचे। कानपुर के पूर्व कप्तान ने बयान के अलावा एसआईटी को कुछ दस्तावेजी साक्ष्य भी उपलब्ध कराए हैं। घटना के बाद से वह सवालों के घेरे में थे। सनसनीखेज प्रकरण के बाद अनंतदेव पर गम्भीर आरोप लगे थे जिसके चलते एसटीएफ से उनका तबादला कर दिया गया था।

बिकरू में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद एक रिपोर्ट वायरल हुई थी जो शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्र ने चौबेपुर के निलंबित एसओ विनय तिवारी के खिलाफ अनंतदेव को व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए भेजी थी। उस पर कार्रवाई होनी थी मगर कुछ नहीं किया गया। इस मामले की जांच के लिए आईजी रेंज लखनऊ को शासन ने भेजा। उन्होंने जांच रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया कि रिपोर्ट सोशल मीडिया और ईमेल के जरिए भेजी गई थी मगर कार्रवाई नहीं की गई।

वायरल ऑडियो ने नुकसान पहुंचाया 
इसके बाद एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें शहीद सीओ और एसपी ग्रामीण की बातचीत थी। इसमें सीओ ने आरोप लगाया था कि पूर्व एसओ ने एक जुआ पकड़ने के मामले में पांच लाख रुपए पूर्व कप्तान को पहुंचा दिए जिसके कारण उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। अनंतदेव एसआईटी के दफ्तर बापू भवन लखनऊ पहुंचे। वहां पर उन्होंने टीम के सामने बयान दर्ज कराए उसके बाद कुछ दस्तावेजी साक्ष्य भी उपलब्ध कराए। एसआईटी ने सभी दस्तावेजों को ऑन रिकॉर्ड ले लिया है। 

जय के खिलाफ भी बयान
विकास दुबे के गुर्गे जय बाजपेई के खिलाफ एडवोकेट सौरभ भदौरिया ने बयान दर्ज कराए। उसके बाद उन्हें और पूछताछ के लिए पुलिस टीम मुख्यालय ले गई। यहां पर उन्होंने जय के खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य दिए।

न्यायिक आयोग ने पूछा, किन सरकारी कर्मचारी ने विकास के खिलाफ नहीं दी गवाही
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठिक किए गए न्यायिक जांच आयोग ने डीएम को पत्र लिखकर विकास के मुकदमों से जुड़ी तमाम जानकारियां मांगी हैं। साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी मांगी है कि ऐसे कितने मामले हैं जिसमें सरकारी कर्मचारी गवाह थे और उन्होंने विकास के खिलाफ गवाही नहीं दी। बिकरू कांड में शीर्ष कोर्ट की तरफ से रिटायर जस्टिस डॉ. बीएस चौहान की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया था। आयोग की तरफ से डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी को पत्र भेजकर विकास दुबे के खिलाफ दर्ज मुकदमें, उसमें लगी चार्जशीट, फाइनल रिपोर्ट, उन मामलों में गवाहों की सूची और उनकी गवाही की कॉपी मांगी है। इसके साथ ही आयोग ने डीएम से यह भी जानकारी चाही है कि इन 64 आपराधिक मामलों में किन सरकारी वकीलों ने उसके खिलाफ मुकदमा लड़ा था और उनकी फाइनल दलील की कॉपी साथ देने के निर्देश दिए हैं।

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